कोरोना वायरस: चीन में क्या हो रहा है और यह दुनिया के लिए चिंताजनक क्यों है?
चीन में जीरो कोविड नीति खत्म होने के बाद कोरोना वायरस के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट्स की मानें तो चीन में दिसंबर के पहले दो हफ्तों में रिकॉर्ड दर्ज मामले और मौतें दर्ज की गईं, हालांकि आधिकारिक आंकड़ों में मामले कम होने की बात कही गई है। आइए समझते हैं कि चीन में महामारी की मौजूदा स्थिति क्या है और यह दुनिया के लिए चिंता का विषय क्यों है।
क्या थी जीरो कोविड नीति?
चीन में पिछले तीन साल से जीरो कोविड नीति के चलते सख्त पाबंदियां लागू थीं। इसके तहत बिना लक्षण वाला नया केस मिलने पर भी संक्रमित व्यक्ति को अनिवार्य तौर पर भर्ती किया जाता था। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोगों को भी लंबे समय तक आइसोलेट किया जा रहा था। जीरो कोविड नीति के तहत किसी इलाके में कुछ संक्रमित मिलने पर भी कड़ा लॉकडाउन लगा दिया जाता था। इससे आर्थिक नुकसान हो रहा था।
नीति के कारण लोगों में विकसित नहीं हो पाई इम्युनिटी
विशेषज्ञों की मानें तो लंबे समय तक जीरो कोविड नीति लागू होने के कारण चीन में अधिक संक्रमण नहीं फैला। इसके चलते कई लोग संक्रमण से अछूते रहे और उनमें कोरोना वायरस के खिलाफ प्राकृतिक इम्युनिटी विकसित नहीं हो सकी। इसी कारण चीन में जब भी संक्रमण का एक भी मामला आया तो उससे बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए। ऐसा इस साल मार्च और अप्रैल के महीनों में देखने को मिला था जब रिकॉर्ड केस दर्ज किए गए थे।
चीन में अभी क्या स्थिति?
सोशल मीडिया पर सामने आईं कुछ वीडियो में देखा जा सकता है कि चीन के अस्पताल मरीजों से भर चुके हैं और दवाइयों की भारी कमी भी देखने को मिल रही है। एक वीडियो में अस्पताल में डॉक्टर फर्श पर लेटे हुए मरीजों को CPR देते हुए दिख रहे हैं। एक अन्य वीडियो में संक्रमण से मरे लोगों के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान में लंबी लाइन लगी हुई दिख रही है।
चीन में फैल रहा है ओमिक्रॉन का BF.7 सब-वेरिएंट
चीन में कोरोना वायरस का BF.7 स्ट्रेन फैल रहा है जो ओमिक्रॉन का एक सब-वेरिएंट है। वर्तमान में ओमिक्रॉन के 500 से अधिक सब-वेरिएंट प्रचलन में हैं। BF.7 का पूरा नाम BA.5.2.1.7 है जो BA.5 सब-वेरिएंट से विकसित हुआ है। गौरतलब है कि अक्टूबर में अमेरिका में पांच प्रतिशत से अधिक मामलों और यूनाइटेड किंगडम (UK) में सात प्रतिशत से अधिक मामलों में बढ़ोतरी BF.7 के कारण हुई थी।
क्या है BF.7 सब-वेरिएंट?
BF.7 सब-वेरिएंट ओमिक्रॉन के BA.5 सब-वेरिएंट से निकला है और इसका ही एक उपवंश है। रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन में फैल रहे ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट्स में ये सबसे अधिक संक्रामक है और शरीर में बेहद जल्दी असर दिखाने लगता है। अधिक म्यूटेशन वाला यह वेरिएंट उन लोगों को भी संक्रमित कर सकता है जो कोरोना से पहले भी संक्रमित हो चुके हैं या कोविड वैक्सीन लगा चुके हैं। इसकी संक्रमण दर 10 से 18.6 के बीच होने का अनुमान है।
प्रभावी नहीं हैं चीन की वैक्सीन
बताया जा रहा है कि चीन की कोरोना वायरस वैक्सीन, सिनोवेक और सिनोफार्म, संक्रमण को रोकने में ज्यादा प्रभावी साबित नहीं हुई हैं। इन दोनों वैक्सीनों से कोविड संक्रमण के मामले और मौतें रोकने में कुछ खास मदद नहीं मिल सकी है। बता दें कि चीन जून, 2020 में अपने नागरिकों का कोविड वैक्सीनेशन शुरू करने वाला दुनिया का पहला देश बना था, जबकि उस समय तक वैक्सीनें ठीक तरीके से विकसित नहीं हुई थीं।
चीन में आगे क्या हो सकता है?
महामारी विशेषज्ञों ने अनुमान जताया है कि चीन में अगले तीन महीने में लगभग 80 करोड़ लोग यानि देश की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी कोरोना से संक्रमित हो जाएगी और 10 लाख से अधिक मौतें होने की आशंका है। महामारी विशेषज्ञ एरिक फीगल-डिंग ने बताया था कि चीनी सरकार का लक्ष्य जो संक्रमित हो सकता है, उसे संक्रमित होने देने और जो मर सकता है, उसने मरने देने का है।
दुनिया के लिए क्यों चिंता का कारण है चीन की स्थिति?
विशेषज्ञों ने बताया कि कोई वायरस जितना ज्यादा फैलता है, उसके म्यूटेट होकर अधिक खतरनाक या संक्रामक होने की संभावना उतनी ज्यादा हो जाती है। इसी कारण चीन में बड़े पैमाने पर प्रसार के कारण कोरोना के अधिक खतरनाक और संक्रामक वेरिएंट सामने आने की आशंका जताई जा रही है। अगर ऐसा होता है तो महामारी से लगभग बाहर निकल चुके अन्य देशों के लिए नई मुसीबत खड़ी हो सकती है।