कैरोलिन बेट्रोजी, बेरी शार्पलेस और मोर्टन मेल्डेल को मिला रसायनशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में चल रहे नोबेल पुरस्कार सप्ताह 2022 का बुधवार को तीसरा दिन है। इसी कड़ी में रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने रसायनशास्त्र (केमिस्ट्री) के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए वैज्ञानिक कैरोलिन आर बेट्रोजी, के बेरी शार्पलेस और मोर्टन मेल्डेल को नोबेल पुरस्कार देने का ऐलान किया है। इन्हें क्लिक केमिस्ट्री को विकसित करने और बायोऑर्थोगोनल केमिस्ट्री में किए गए रिचर्स के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया गया है।
स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने क्या दिया बयान?
संस्था ने एक बयान में कहा कि क्लिक केमिस्ट्री और बायोऑर्थोगोनल केमिस्ट्री के रूप में पहचानी जाने वाली तकनीक का इस्तेमाल दुनिया में सेल्स का पता लगाने और बायोलॉजिकल प्रोसेस को ट्रैक करने के लिए किया जाता है। बायोऑर्थोगोनल प्रोसेस के इस्तेमाल से शोधकर्ताओं को कैंसर फार्मास्यूटिकल्स के शोध में आसानी हुई है, जिनका क्लिनिकल ट्रायल्स में टेस्ट किया जा रहा है। बयान में यह भी कहा गया है कि इन वैज्ञानिकों ने क्लिक केमिस्ट्री को नया आयाम दिया है।
कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं मेल्डल
वैज्ञानिक मोर्टन मेल्डेल डेनमार्क के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक हैं और वह वर्तमान में कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी में रसायन विज्ञान के प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। इसी तरह के बेरी शार्पलेस अमेरिका के प्रसिद्ध वैज्ञानिक हैं और वह कैलिफोर्निया में स्क्रिप्स रिसर्च के प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। इसके अलावा पुरस्कार जीतने वाली तीसरी वैज्ञानिक कैरोलिन आर बेट्रोजी भी अमेरिका के ताल्लुक रखती है और वह रसायनशास्त्र की प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं।
शार्पलेस को दूसरी बार मिला नोबेल पुरस्कार
पुरस्कार जीतने वालों में शामिल वैज्ञानिक 81 वर्षीय शार्पलेस ने दूसरी बाद इस प्रतिष्ठित पुरस्कार पर कब्जा जमाया है। इससे पहले साल 2001 में भी उन्हें रसायनशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिल चुका है। इसी तरह जॉन बारडीन को भौतिक विज्ञान में दो बार, मैरी क्यूरी को फिजिक्स तथा रसायन विज्ञान और लिनुस पॉलिंग को रसायन विज्ञान और शांति के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिल चुका है। वहीं फ्रेडरिक सेंगर का रसायनशास्त्र में दो बार नोबेल पुरस्कार मिला है।
विजेताओं को पुरस्कार में क्या मिलेगा?
नोबेल पुरस्कार विेजेताओं को 196 ग्राम का गोल्ड मैडल (150 ग्राम सोना) और एक प्रमाणपत्र के साथ एक करोड़ क्रोनोर (लगभग नौ लाख डॉलर) यानी करीब 7.36 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि दी जाती है। यह पुरस्कार राशि अल्फ्रेड नोबेल द्वारा छोड़ी गई संपत्ति में से दी जाती है। उनका पैसा स्वीडिश बैंक में जमा है और नोबेल फाउंडेशन उसका प्रबंधन करता है। बैंक में जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज से ही यह पुरस्कार राशि दी जाती है।
अल्फ्रेड नोबेल की याद में दिए जाते हैं ये पुरस्कार
नोबेल पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की याद में दिए जाते हैं। इन पुरस्कारों से उन लोगों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने मानव जाति को फायदा पहुंचाया हो। शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया जाता है। रवीन्द्रनाथ टैगोर, मदर टेरेसा, अमर्त्य सेन, कैलाश सत्यार्थी, चंद्रशेखर वेकंटरमन, अभिजीत बनर्जी और हरगोविंद खुराना आदि ऐसे भारतीय और भारतीय मूल के लोग हैं, जिन्हें नोबेल पुरस्कार मिले हैं।
चिकित्सा और भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में इन्हें मिला है नोबेल पुरस्कार
चिकित्सा के क्षेत्र में इस साल का नोबेल पुरस्कार स्वीडन के आनुवंशिकीविद स्वांते पाबो को दिया गया है। इसी तरह भौतिक विज्ञान का नोबेल पुरस्कार वैज्ञानिक एलेन आस्पेक्ट, जॉन एफ क्लॉसर और एंटन जेलिंगर को दिया गया है। अब गुरुवार को गुरुवार को साहित्य के क्षेत्र में पुरस्कारों की घोषणा की जाएगी। इसी तरह नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार और अर्थशास्त्र के क्षेत्र के पुरस्कार की घोषणा 10 अक्टूबर को की जाएगी।