न्यूयॉर्क में लेखक सलमान रुश्दी पर चाकू से जानलेवा हमला, अस्पताल में भर्ती
लोकप्रिय और विवादास्पद लेखक सलमान रुश्दी पर शुक्रवार को न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान जानलेवा हमला किया गया है। वह न्यूयॉर्क में एक लैक्चर देने वाले थे कि उन पर हमला कर दिया गया। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि रुश्दी पर हमला होने के बाद वह फर्श पर गिर पड़े। भारतीय मूल के लेखक रुश्दी 1980 के दशक में अपनी किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' को लेकर विवादों में आ गए थे।
कौन हैं सलमान रुश्दी?
रुश्दी भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक हैं। उन्होंने कई प्रमुख मुद्दों पर 15 उपन्यास लिखे हैं। उन्हें स्वतंत्रता के बाद भारत पर उनकी पुस्तक 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन' के लिए 1981 में 'बुकर पुरस्कार' मिला था। वह 'द सैटेनिक वर्सेज' के प्रकाशन के बाद कई वर्षों तक लोगों की नजरों से दूर रहे। उन्होंने अपने वर्षों तक छुपे रहने के बारे में एक किताब 'जोसेफ एंटोन' भी लिखी।
हमला करने वाला व्यक्ति गिरफ्तार
जैसे ही रुश्दी न्यूयॉर्क में चौटाक्वा इंस्टीट्यूशन में अपना लैक्चर शुरू करने के लिए मंच पर पहुंचे, एक व्यक्ति ने उन पर हमला कर दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार उन पर चाकू से हमला क्या गया है। इसके बाद 75 वर्षीय रुश्दी फर्श पर गिर पड़े। न्यूयॉर्क के गवर्नर ने पुष्टि की है कि रुश्दी अभी जीवित हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है।
यहां देखिए घटना का वीडियो
हैलीकॉप्टर से ले जाया गया अस्पताल
न्यूयॉर्क पुलिस विभाग ने रुश्दी पर हुए हमले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस के एक बयान के मुताबिक, रुश्दी पर स्थानीय समयानुसार सुबह 11 बजे हमला किया गया। पुलिस के अनुसार, रुश्दी की गर्दन पर चाकू से वार किया गया जिसके बाद उन्हें हैलीकॉप्टर से एक क्षेत्रीय अस्पताल ले जाया गया। वहीं मंच पर रुश्दी का इंटरव्यू ले रहे व्यक्ति को भी सिर पर मामूली चोट लगी है।
रुश्दी को हैलीकॉप्टर से अस्पताल ले जाते हुए
अपनी किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' को लेकर विवादों में आए थे रुश्दी
रुश्दी 1980 के दशक में अपनी किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' को लेकर विवादों में आए थे। इस किताब पर इस्लाम धर्म के प्रति ईशनिंदा का आरोप लगाया गया और इसे 1988 से ईरान में प्रतिबंधित कर दिया गया था। ईरान ने रुश्दी के सिर पर तीस लाख डॉलर का इनाम भी रखा था। हालांकि, रुश्दी पर शुक्रवार को हुए हमले को इस 30 साल पुराने मामले से नहीं जोड़ा गया है।