भारत ने नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी का 'न्याय' का विचार नकार दिया- पीयूष गोयल
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा भारत ने नोबेल पुरस्कार जीतने वाले अभिजीत बनर्जी के आइडिया को नकार दिया है। महाराष्ट्र के पुणे में मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि अभिजीत बनर्जी ने कांग्रेस की 'न्याय' योजना का समर्थन किया था, जिसकी सोच को जनता ने नकार दिया। उन्होंने कहा कि बनर्जी की पूरी सोच वाम की तरफ झुकाव वाली है। गौरतलब है कि बनर्जी ने मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले की आलोचना की थी।
पीयूष गोयल ने दिया यह बयान
गोयल ने कहा, "अभिजीत बनर्जी जी को नोबेल प्राइज मिला। मैं उनको बधाई देता हूं, लेकिन उनकी समझ के बारे में आप सब जानते हैं। उनकी जो सोच है, वो पूरी तरह वाम की तरफ झुकाव वाली है। उन्होंने 'न्याय' के बड़े गुणगान गाये थे, भारत की जनता ने उनकी सोच को पूरी तरह नकार दिया।" बता दें, कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव से पहले 'न्याय' सरकार बनने पर देशभर में न्याय योजना लागू करने की बात कही थी।
यहां सुनिये पीयूष गोयल का बयान
क्या थी कांग्रेस की 'न्याय' योजना?
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ऐलान किया था कि अगर चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार आती है तो वह सुनिश्चित करेंगे कि देश के सबसे गरीब 20 प्रतिशत परिवारों की महीने की न्यूनतम आय 12,000 रुपये हो। 'न्याय' नामक इस योजना में हर परिवार को सालाना 72,000 रुपये दिए जाने की बात कही गई थी। कांग्रेस का कहना था कि इस योजना से करीब 5 करोड़ परिवारों और 25 करोड़ लोगों को फायदा होगा।
अभिजीत को मिला है इस साल अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी को इस साल अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। उनके साथ उनकी पत्नी एस्थर डुफलो और माइकल क्रेमर को भी ये सम्मान मिला है। तीनों अर्थशास्त्रियों को गरीबी दूर करने के लिए एक्सपेरिमेंट अप्रोच के लिए यह पुरस्कार दिया गया है। कहा जाता है कि पिछले कुछ सालों में इस अप्रोच ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इकनॉमिक साइंसेज कैटिगरी के तहत यह सम्मान पाने वाले अभिजीत भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं।
अभिजीत ने की है JNU से पढ़ाई
अभिजीत बनर्जी का जन्म 1961 में कोलकाता में हुआ था। उनकी माता निर्मला बनर्जी कोलकता के सेंटर फॉर स्टडीज इन सोशल साइंस में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर और पिता दीपक बनर्जी प्रेसिडेंसी कॉलेज में अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख थे। अभिजीत की स्कूली शिक्षा कोलकाता के साउथ प्वाइंट स्कूल में हुई। उन्होंने 1981 में प्रेसिडेंसी कॉलेज से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन पूरी की। इसके बाद उन्होंने मास्टर्स के लिए दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में दाखिला लिया।
चार किताबें लिख चुके हैं अभिजीत
JNU से मास्टर्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने 1988 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से PhD की। फिलहाल वह MIT में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रोफेसर हैं। उन्होंने एस्थर डुफलो और सेंथिल मुलैनाथन के साथ मिलकर 2003 में अब्दुल लतीफ जमील पावर्टी एक्शन लैब (J-PAL) की स्थापना की थी। वह अब भी इसके बोर्ड डायरेक्टर हैं। चार किताबें लिख चुके अभिजीत संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उच्च-स्तरीय पैनल के सदस्य भी रहे हैं।