यूक्रेन संकट को लेकर पुतिन और बाइडन की बातचीत, नहीं निकला कोई समाधान
क्या है खबर?
यूक्रेन संकट को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शनिवार को अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बातचीत की। यह बातचीत एक घंटे से ज्यादा समय चली, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका।
अमेरिका ने कहा है कि अगर रूस यूक्रेन पर आक्रमण करता है तो उसे इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी। वहीं रूस ने यूक्रेन संघर्ष को लेकर अमेरिका के उन्माद की निंदा की है।
आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
पृष्ठभूमि
यूक्रेन को लेकर क्यों बना हुआ है विवाद?
यूक्रेन को लेकर तनाव के काई छोटे-छोटे कारण हैं, लेकिन इसकी मुख्य वजह यूक्रेन की पश्चिमी यूरोप और नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) से बढ़ती नजदीकियां हैं।
दरअसल, यूक्रेन पश्चिमी यूरोप के करीब जा रहा है और NATO में शामिल होना चाहता है, जो शीत युद्ध के समय रूस के खिलाफ बना एक सैन्य गठबंधन है।
रूस की चिंता है कि अगर यूक्रेन NATO में शामिल होता है तो NATO के सैन्य ठिकाने बिल्कुल उसकी सीमा के पास आ जाएंगे।
बयान
बाइडन ने क्या कहा?
बातचीत के दौरान बाइडन ने पुतिन से कहा कि अगर रूस यूक्रेन में और आक्रमण करता है तो अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ निर्णायक रूप से जवाब देगा और रूस पर तेजी से और गंभीर प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
बाइडन ने कहा, "हम कूटनीति के जरिये इसका हल निकालने के साथ-साथ दूसरे परिदृश्यों के लिए भी तैयार हैं।"
इससे पहले अमेरिका ने चेतावनी दी है कि रूस किसी भी वक्त यूक्रेन पर हमला कर सकता है।
बयान
रूस की तरफ से क्या कहा गया है?
पुतिन ने सैन्य खतरे के पश्चिमी दावों को खारिज करते हुए इस विचार को 'उत्तेजक कयास' करार दिया है, जो सोवियत संघ में शामिल रहे देशों के बीच संघर्ष का कारण बन सकता है।
बाइडन से बातचीत से पहले पुतिन ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से भी फोन पर बातचीत की थी, लेकिन यह भी किसी समाधान पर नहीं पहुंच सकी।
मैक्रों के कार्यालय ने कहा है कि दोनों नेताओं ने बातचीत जारी रखने की इच्छा जताई है।
जानकारी
कई देशों ने यूक्रेन से नागरिकों और अधिकारियों को वापस बुलाया
अमेरिका, इजरायल और कई यूरोपीय देशों ने रूस की तरफ से आक्रमण के बढ़ते खतरे का हवाला देते हुए अपने नागरिकों से यूक्रेन छोड़ने को कहा है।
अमेरिका और इंग्लैंड ने यूक्रेन से अपने सैन्य सलाहकारों को वापस बुला लिया है और अमेरिका ने दूतावास के अधिकतर कर्मचारियों को भी यूक्रेन छोड़कर जाने को कह दिया है।
दूसरी तरफ रूस ने भी 'संभावित उकसावे' के डर के चलते यूक्रेन से अधिकारियों को वापस बुला लिया है।
जानकारी
यूक्रेन ने नागरिकों से शांत रहने की अपील की
पश्चिमी देशों के नागरिकों के देश छोड़ने के बीच यूक्रेन की सरकार ने अपने लोगों से शांत रहने की अपील की है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा, "डर अभी लोगों का सबसे बड़ा दुश्मन बना हुआ है।"
चेतावनी
कभी भी हमला कर सकता है रूस- अमेरिका
इससे पहले शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान ने कहा था कि पुतिन के आदेश देते ही यूक्रेन पर रूस का आक्रमण शुरू हो सकता है। यूक्रेन सीमा पर रूसी सैनिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि यह आक्रमण ओलंपिक के दौरान शुरू हो सकता है। हालांकि, ऐसे भी कयास हैं कि यह ओलंपिक के बाद होगा।
बता दें, चीन में चल रहा विंटर ओलंपिक 20 फरवरी को समाप्त होगा।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
रूस क्या चाहता है?
रूस ने यूक्रेन की सीमा पर एक लाख सैनिक तैनात कर रखे हैं और पुतिन ने अमेरिका और पश्चिमी देशों से 'कानूनी गारंटी' मांगी है कि यूक्रेन को NATO में शामिल नहीं कराया जाएगा।
इसके अलावा उन्होंने पूर्वी यूरोप में NATO की सैन्य गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग भी की है।
अमेरिका ने रूस को कई बार चेताया है कि अगर उसने आक्रमण किया तो उस पर गंभीर प्रतिबंध लगाए जाएंगे और NATO में भी बदलाव हो सकता है।