अमेरिका: डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पास, अब आगे क्या?
अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया है। ट्रम्प पर महाभियोग चलाने के लिए डेमोक्रेटिक-बहुमत वाले सदन में हुई वोटिंग में 230 में से 197 वोट महाभियोग के पक्ष में पड़े। ट्रम्प अमेरिका के तीसरे ऐसे राष्ट्रपति हैं, जिनके खिलाफ यह प्रस्ताव लाया गया है। अधिकतर सांसदों ने ट्रम्प द्वारा सत्ता के दुरुपयोग और कांग्रेस के काम में बाधा पहुंचाने पर महाभियोग के पक्ष में मतदान किया।
अब आगे क्या?
निचले सदन से प्रस्ताव पास होने के बाद अब यह संसद के ऊपरी सदन में जाएगा। इस सदन में ट्रम्प की पार्टी का बहुमत है। अब यहां पर ट्रम्प के खिलाफ आरोपों की जांच होगी। अगर यहां दो तिहाई बहुमत से उनके खिलाफ अभियोग सिद्ध हो जाता है तो वह इस प्रक्रिया से पद से हटने वाले अमेरिका के पहले राष्ट्रपति होंगे। हालांकि, उनकी पार्टी का बहुमत देखते हुए इस बात की संभावना कम है कि उन्हें कोई परेशानी होगी।
ट्रम्प के खिलाफ दो आरोप क्या हैं?
कुछ दिन पहले डेमोक्रेटिक पार्टी के नियंत्रण वाली न्यायिक समिति ने ट्रम्प के खिलाफ आरोप तय किए थे। समिति ने माना था कि ट्रंप ने सत्ता का दुरुपयोग किया और उन्होंने संसद के काम में बाधा डाली। ट्रम्प पर अपने राजनीतिक लाभ के लिए यूक्रेन को मिलने वाली आर्थिक मदद रोकने का आरोप है। वहीं ट्रम्प ने महाभियोग की प्रक्रिया को 'पागलपन' बताते हुए दावा किया था कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है।
क्यों शुरू हुई ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग लाने की प्रक्रिया?
ट्रम्प पर आरोप है कि उन्होंने जुलाई में यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदीमीर जेलेंस्की के साथ फोन पर हुई बातचीत में अपने प्रतिद्विंदी जो बाइडेन के खिलाफ जांच शुरू करने का दवाब बनाया था। बाइडेन अगले साल होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से ट्रम्प के खिलाफ मैदान में उतर सकते हैं। बाइडेन और उनके बेटे हंटर बाइडेन का यूक्रेन में व्यापार है और हंटर वहां की एक गैस कंपनी के बोर्ड मेंबर हैं।
महाभियोग प्रक्रिया क्या होती है?
संवैधानिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति (इस मामले में राष्ट्रपति ट्रम्प) को उसके पद से हटाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्रक्रिया को कहते हैं। राजद्रोह, भ्रष्टाचार या अन्य किसी उच्च श्रेणी के अपराध के लिए दोषी पाए जाने पर अमेरिका के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और सभी नागरिक अधिकारियों के खिलाफ महाभियोग चलाया जा सकता है और उसे पद से हटाया जा सकता है।" अमेरिकी संविधान के अनुच्छेद 2 में इसका प्रावधान किया गया है।
ट्रम्प ने जेलेंस्की से क्या कहा?
व्हाइट हाउस की तरफ से जारी ब्यौरे के मुताबिक, ट्रम्प ने जेलेंस्की से कहा था कि बाइडेन ने यूक्रेन पर पूर्व अटॉर्नी जनरल विक्टर शौकीन को पद से हटाने के लिए दबाव डाला था। शौकीन का कार्यालय हंटर की कंपनी के खिलाफ जांच कर रहा था। ट्रम्प ने जेलेंसकी से बातचीत में कहा था कि बाइडेन डींगे मारते हैं कि उन्होंने इस जांच को रुकवाया था। इसलिए आप इस मामले को देखिए।
बाइडेन के खिलाफ जांच से ट्रम्प को क्या फायदा होगा?
राष्ट्रपति चुनावों में ट्रम्प की बाइडेन के साथ भिड़ंत हो सकती है। अगर बाइडेन के खिलाफ जांच शुरू होती है तो ट्रम्प चुनावों में इसका फायदा उठा सकेंगे। ट्रम्प ने जांच शुरू न करने पर यूक्रेन को सैन्य सहायता बंद करने की धमकी दी थी।