भारत में पूरा हुआ स्पुतनिक-V के दूसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल, तीसरे चरण की अनुमति मांगी
कोरोना महामारी के बीच भारत को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' के रूप में दो वैक्सीनें मिल चुकी है। इसी बीच देश को अब रूस की 'स्पुतनिक-V' के रूप में एक और वैक्सीन मिलने की संभावनाएं बढ़ गई है। हैदराबाद की डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज लिमिटेड ने इसके दूसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल पूरा कर लिया है और अब ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से तीसरे चरण के ट्रायल की अनुमति मांगी है।
रूस ने अगस्त में किया था वैक्सीन को लॉन्च
मॉस्को के गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार वैक्सीन स्पूतनिक-V का पहला क्लिनिक ट्रायल 18 जून को शुरू हुआ था। इसमें 38 लोगों को डोज दी गई थी। 20 जुलाई को आए ट्रायल के नतीजों में इसमे हिस्सा लेने वाले सभी लोगों में कोरोना वायरस के खिलाफ इम्युनिटी देखने को मिली थी। इसके बाद रूस ने अगस्त में वैक्सीन लॉन्च करने का ऐलान किया था। इसका नाम सोवियत संघ द्वारा लॉन्च किए गए पहले उपग्रह के सम्मान में रखा गया था।
भारत में दिसंबर में शुरु हुआ था वैक्सीन के दूसरे चरण का ट्रायल
बता दें कि रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) ने इस वैक्सीन के भारत में ट्रायल और वितरण के लिए गत सितंबर में हैदराबाद की डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज से करार किया है। कंपनी ने अनुमति मिलने के बाद गत 2 दिसंबर को इसका दूसरे चरण का ट्रायल शुरू किया था। इसमें 100 लोगों को वैक्सीन की खुराक देकर उसकी सुरक्षा की जांच की गई थी। इसके बाद अब कंपनी तीसरे चरण के ट्रायल में 1,400 वॉलेंटियरों को इसकी खुराक देगी।
दूसरे चरण के ट्रायल में सामने नहीं आई कोई सुरक्षा चिंता
RDIF के साथ एक संयुक्त बयान में डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज ने कहा कि दूसरे चरण का ट्रायल बेहतर तरीके से पूरा हो गया है। इसमें किसी भी प्रकार की सुरक्षा चिंताएं सामने नहीं आई है। उन्होंने आगे कहा कि दूसरे चरण के ट्रायल के सुरक्षा डाटा को मंजूरी के लिए DCGI के समक्ष प्रस्तुत किया गा है। इसके अलावा वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल की अनुमति भी मांगी गई है। मंजूरी मिलते ही ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा।
DSMB ने की तीसरे चरण के ट्रायल की सिफारिश
डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज ने कहा कि दूसरे चरण के ट्रायल के सुरक्षा डाटा की स्वतंत्र डाटा और सुरक्षा निगरानी बोर्ड (DSMB) ने भी समीक्षा की है। इसमें सभी सुरक्षा मानकों को पूरा पाया गया है और तीसरे चरण का ट्रायल करने की सिफारिश की है।
वैक्सीन ने दिखाई बेहतर सुरक्षा- प्रसाद
डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज के प्रबंध निदेशक जीवी प्रसाद ने कहा, "भारत में स्पूतनिक-V के दूसरे चरण के क्लिनकल ट्रायल में बहुत बेहतर सुरक्षा प्रोफाइल सामने आई है। इस डाटा ने स्पूतनिक-V के उपयोग के प्रति हमारे विश्वास को और अधिक मजबूत किया है।" उन्होंने आगे कहा, "इस वैक्सीन को अब तक रूस के करीब 10 लाख लोग और अर्जेंटीना में तीन लाख से अधिक लोगों को दिया जा चुका हैं। जिसमें कोई सुरक्षा चिंता सामने नहीं आई है।"
"10 करोड़ खुराक तैयार करने का रखा है लक्ष्य"
जीवी प्रसाद ने कहा, "हमारी कंपनी भारत में स्पूतनिक-V को तेजी से लॉन्च करने की दिशा में काम कर रही हैं। अब तक के ट्रायल परिणामों में बेहरत स्थिति सामने आई है। कंपनी ने भारत में 10 करोड़ खुराक तैयार करने का लक्ष्य रखा है।"
92 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है वैक्सीन
RDIF के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) किरिल दिमित्रिव ने कहा कि स्पूतनिक-V के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए गए तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के विश्लेषण में चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं। यह वैक्सीन वॉलेंटियरों को पहली खुराक दिए जाने के 28 दिन बाद 91.4 प्रतिशत प्रभावी मिली थी, लेकिन पहली खुराक के 42 दिन बार के विश्लेषण में यह 95 प्रतिशत तक प्रभावी मिली है। ऐसे में सकल रूप से 92 प्रतिशत प्रभावी है।
गंभीर मामलों में 100 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है वैक्सीन- दिमित्रिव
CEO दिमित्रिव ने कहा कि वर्तमान में वैक्सीन का भारत के अलावा संयुक्त अरब अमीरात (UAE), मिस्र, वेनेजुएला और बेलारूस में क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है। इसी तरह अल्जीरिया, अर्जेंटीना, बेलारूस, बोलीविया और सर्बिया में आपात इस्तेमाल के लिए पंजीकृत किया गा है। उन्होंने कहा कि सामान्य मामलों में वैक्सीन भले ही 91.4 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है, लेकिन गंभीर मामलों में यह 100 प्रतिशत तक प्रभावी साबित हुई है। यह रूस के लिए बड़ी उपलब्धि है।