अमेरिका में फिर बढ़ रहा कोरोना महामारी का प्रकोप, भरते जा रहे हैं ICU बेड
एक तरफ जहां दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में कमी आ रही है, वहीं अमेरिका के कई हिस्सों में फिर से संक्रमण के मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है। हालात यह है 15 राज्यों में एक साल पहले की तुलना में अधिक गति से अस्पतालों में ICU बेड भर रहे हैं। इस स्थिति ने देश की सरकार और चिकित्सा विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है। आगे जानते हैं अमेरिका में कोरोना संक्रमण के विस्तृत हालात।
कोलोराडो में 41 प्रतिशत ICU बेडों पर भर्ती हैं मरीज
NDTV के अनुसार, अमेरिका के स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो 15 राज्यों में कोरोना संक्रमित या संदिग्ध मरीजों को एक साल पहले की तुलना में ICU बेड की अधिक आवश्यकता पड़ रही है। वर्तमान में कोलोराडो के अस्पतालों में 41 प्रतिशत, मिनेसोटा में 37 और मिशिगन के अस्पतालों में 34 प्रतिशत ICU बेड भरे हुए हैं। ऐसे में अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों के लिए ICU बेड्स की कमी आ रही है।
बेहद खराब हो रहे हैं हालात- डॉ मोकदाद
यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन के प्रोफेसर डॉ अली मोकदाद ने कहा, "हमारे कई चिकित्सक दिन-रात ICU में तैनात है। ऐसा करना रहना आसान नहीं है, लेकिन लोगों की जान बचाने के लिए काम कर रहे हैं।"
पूर्वोत्तर राज्यों में खड़ी हो सकती है मुसीबत
अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले आने वाले समय में पूर्वोत्तर राज्यों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। वैक्सीन की उपलब्धता के बाद भी डेल्टा वेरिएंट वृद्धों और पुरानी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को अपना शिकार बना रहा है। ऐसे में मिशिगन प्रशासन ने लोगों को जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाने और मास्क सहित सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना शुरू कर दिया है।
मिशिगन प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी
मिशिगन के प्रवक्ता बॉबी लेडी ने बताया कि वर्तमान में मिशिगन में सबसे अधिक तेजी से नए मामले सामने आ रहे हैं। इसको देखते हुए वहां के प्रशासन ने 19 नवंबर को एक एडवाइजरी जारी की है। हालांकि, गवर्नर ग्रेचेन व्हिटमर ने सार्वजनिक समारोहों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। इसके उलट देश के अधिकांश राज्य अपनी पूर्व-महामारी जीवन शैली की ओर लौट आए हैं। हालांकि, वहां भी कोरोना प्रोटोकॉल के पालन के लिए मुहिम चल रही है।
अमेरिका में प्रतिदिन औसतन 1,000 लोगों की हो रही है मौत
अमेरिका में पिछले तीन महीने से अधिक समय से प्रतिदिन औसतन 1,000 से अधिक लोगों की मौत हो रही है। ऐसे में यह आंकड़ा भी बेहद चिंता का विषय है। कई राज्यों में अभी भी वैक्सीनेशन दर औसत बनी हुई है। इसमें मिशिगन में राष्ट्रीय औसत 59 प्रतिशत के कम 54 प्रतिशत ही वैक्सीनेशन हो पाया है। इसके उलट कोलोराडो और मिनेसोटा में राष्ट्रीय औसत से अधिक वैक्सीनेशन होने के बाद भी संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।
न्यूयॉर्क के ग्रामीण क्षेत्रों में आठ प्रतिशत से अधिक है संक्रमण की दर
न्यूयॉर्क के ग्रामीण क्षेत्रों में 8 प्रतिशत से अधिक की संक्रमण दर है, जबकि शहरी इलाकों में यह दो प्रतिशत से नीचे है। ऐसे में सरकार ने वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए 13 सामूहिक वैक्सीनेशन केंद्रों को फिर से संचालित कर दिया है।
बहुत ही खराब स्थिति में कर रहे हैं प्रवेश- गवर्नर
न्यूयॉर्क की गवर्नर कैथी होचुल ने कहा, "हम एक बहुत ही खराब स्थिति में जा रहे हैं, लेकिन पिछले साल की तुलना में अच्छी खबर यह है कि अब हमारे पास लड़ने के लिए हथियार हैं।" उन्होंने कहा, "वैक्सीनेशन के बाद महामारी की चपेट में आने का खतरा रहता है, लेकिन हालात ज्यादा गंभीर नहीं होते हैं। यही कारण है कि वर्तमान में वैक्सीन लगवाने वालों की तुलना में नहीं लगवाने वाले लोग अस्पतालों में अधिक भर्ती हैं।"
मेन में वैक्सीनेशन की तेज रफ्तार के बाद भी बढ़ रहा संक्रमण
अमेरिका के मेन राज्य में वैक्सीनेशन की रफ्तार सबसे अधिक होने के बाद भी वहां प्रतिदिन 300 से अधिक संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में यहां रिकॉर्ड संख्या में मरीज अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। इसी तरह इडाहो में भी हालात चिंताजनक बने हुए हैं। यहां अस्पतालों में भर्ती मरीजों में से 21 प्रतिशत कोरोना संक्रमित है और ICU में भर्ती मरीजों में से 41 प्रतिशत कोरोना संक्रमित हैं। यह बड़ी चिंता का विषय है।
अमेरिका में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
अमेरिका में सोमवार को सामने आए करीब 4,000 हजार नए मामलों के साथ संक्रमितों की कुल संख्या 4.79 करोड़ पर पहुंच गई है। इनमें से अब तक 7.72 लाख लोगों की मौत हुई है। इसी तरह यहां अब तक वैक्सीन की 43.3 करोड़ खुराकें लगाई जा चुकी है। इनमें से 19.5 करोड़ लोगों को वैक्सीन की दोनों खुराकें लगाई जा चुकी है। ऐसे में अमेरिकी सरकार अब और तेजी से लोगों को वैक्सीन लगाने में जुटी है।