हिंद महासागर में जहाज पर ईरान ने किया ड्रोन हमला, अमेरिका का दावा
क्या है खबर?
अमेरिका का दावा है कि हिंद महासागर में जापान के स्वामित्व वाले रासायनिक टैंकर पर ड्रोन हमला ईरान से किया गया।
रविवार को पेंटागन ने कहा है कि जहाज पर ड्रोन हमला भारत के गुजरात तट से 200 समुद्री मील दूर हुआ।
इस बयान में आगे कहा गया है कि इस MV केम प्लूटो जहाज पर लाइबेरिया का झंडा लगा हुआ था, जिसे एक डच इकाई द्वारा संचालित किया जा रहा था और इसकी मालिक एक जापानी कंपनी है।
हमला
क्या है हमले का मामला?
शनिवार को गुजरात के पोरबंदर तट के पास सुबह 10 बजे एक टैंकर पर अचानक ड्रोन हमला हुआ था। इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ और जहाज पर लगी आग बुझा दी गई।
इस हमले के वक्त अमेरिकी नौसेना का कोई भी जहाज आसपास नहीं था और ड्रोन हमले की किसी ने भी जिम्मेदारी नहीं ली थी।
अब अमेरिका का दावा है कि जहाज पर ड्रोन हमला ईरान ने किया था।
रिपोर्ट
सहायता अनुरोध पर भारतीय नौसेना ने की मदद
भारतीय नौसेना ने कहा कि जहाज पर हमले के बाद उसने सहायता अनुरोध का जवाब दिया और एक विमान जहाज की ओर भेजा गया, जिसने चालक दल के सभी सदस्यों को सुरक्षित किया।
वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, समुद्री सुरक्षा फर्म एंब्रे ने कहा कि रसायन से भरा टैंकर इजरायल से संबंधित था और सऊदी अरब से भारत की ओर जा रहा था।
इस जहाज का संचालन करने वाली डच कंपनी इजरायली शिपिंग टाइकून इदान ऑफर से जुड़ी हुई है।
जानकारी
जहाज के चालक दल में भारतीय भी शामिल
ANI के अनुसार, इस जहाज में कच्चा तेल है और आग पर काबू पा लिया गया। चालक दल के सभी सदस्य सुरक्षित हैं, जिनमें करीब 20 भारतीय भी शामिल हैं। यह जहाज सऊदी अरब के एक बंदरगाह से मैंगलोर की ओर आ रहा था।
अमेरिका
अमेरिका ने पहली बार ईरान पर लगाया सीधा आरोप
अमेरिका ने पहली बार इजरायल-हमास युद्ध के बाद ईरान पर हिंद महासागर में जहाजों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है।
अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, पिछले महीने हिंद महासागर में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने एक इजरायली मालवाहक जहाज पर हमला किया था।
उन्होंने बताया कि युद्ध के बीच यमन के हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में 100 से अधिक हमले किए हैं, जिसमें 35 से अधिक विभिन्न देशों के 10 व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाया गया है।
चेतावनी
ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड ने दी चेतावनी
शनिवार को ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के एक अधिकारी ने चेतावनी दी कि जब तक इजरायल-हमास युद्ध नहीं रुकता, तब तक अन्य जलमार्गों को जबरन बंद कर दिया जाएगा।
ईरानी समाचार एजेंसी तस्नीम से मोहम्मद रजा नकदी ने कहा, "युद्ध के बीच अमेरिका और उसके सहयोगियों को नई प्रतिरोध ताकतों के उभरने और अन्य जलमार्गों के बंद होने की उम्मीद करनी चाहिए।"
हालांकि, इन जलमार्गों में भूमध्य सागर भी शामिल है या नहीं, यह विस्तार से नहीं बताया गया है।
लाल सागर
हूती विद्रोही हमास का करते हैं समर्थन
इजरायल-हमास युद्ध के बीच यमन के हूती विद्रोही लाल सागर में इजरायल से जुड़े जहाजों को निशाना बना रहे हैं।
हूती विद्रोही हमास का समर्थन करते हैं, इसलिए वह युद्ध शुरू होने के बाद से इजरायल से जुड़े व्यवासायिक जहाजों पर हमला कर रहे हैं।
हूती यमन के अल्पसंख्यक शिया समुदाय का एक हथियारबंद समूह है। इस समूह का नाम इसके संस्थापक हुसैन अल हूती के नाम पर पड़ा है। यमन के एक बड़े हिस्से पर हूतियों का कब्जा है।