पाकिस्तान: देशद्रोह मामले में पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ की फांसी की सजा बरकरार
पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह के मामले में पूर्व राष्ट्रपति और सेवानिवृत्त जनरल परवेज मुशर्रफ की फांसी की सजा को बरकरार रखा है। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (CJP) काजी फैज ईसा की अध्यक्षता वाली 4 सदस्यीय पीठ ने बुधवार को यह फैसला सुनाया। इस पीठ में न्यायमूर्ति मंसूर अली शाह, न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन खान और न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह शामिल रहे। बता दें कि मुशर्रफ का पिछले साल दुबई में निधन हो गया था।
क्या है पूरा मामला?
पाकिस्तान में आपातकाल लगाने के जुर्म में मुशर्रफ पर 2007 से केस चल रहा था। इलाहाबाद की स्पेशल कोर्ट ने 31 मार्च, 2014 को मामले में मुशर्रफ पर देशद्रोह का आरोप भी लगा दिया। 2013 में पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की सरकार बनने के बाद ये सब हुआ था। इसके बाद 2019 में पेशावर हाई कोर्ट ने उनको मौत की सजा सुनाई। वह पाकिस्तान के पहले शख्स थे, जिनके खिलाफ संविधान की अवहेलना का केस चला था।
सुनवाई के दौरान केवल 1 बार कोर्ट गए मुशर्रफ
कोर्ट में केस चलने के दौरान मुशर्रफ दुबई में थे और 6 साल मुकदमे के दौरान वे केवल एक बार कोर्ट गए। 2019 में मुशर्रफ ने एक संदेश जारी कर कहा था कि उन्होंने 10 साल तक देश की सेवा की है और उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला पूरी तरह निराधार है। इस बीच 5 फरवरी, 2023 को दुबई में एक दुर्लभ बीमारी के कारण 79 वर्ष की उम्र में मुशर्रफ का निधन हो गया।