पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों का कैसा रहा प्रदर्शन?
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत ने अपना अभियान कुल 6 पदकों के साथ समाप्त किया। इस बार कोई भी भारतीय खिलाड़ी स्वर्ण पदक जीतने में असफल रहा। पेरिस खेलों में भारत का बैडमिंटन में कोई भी पदक नहीं आया। 2012 के लंदन ओलंपिक से भारतीय शटलर ने टोक्यो ओलंपिक तक पदक जीते थे और आखिरकार अब यह सफर पेरिस में समाप्त हो गया। इस बीच पेरिस ओलंपिक में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर एक नजर डालते हैं।
पदक जीतने से चूके लक्ष्य सेन
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय शटलर लक्ष्य सेन अपना कांस्य पदक मुकाबला हार गए थे। वह बैडमिंटन में भारत की ओर से ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले पुरुष खिलाड़ी बनने से चूक गए। पुरुष एकल स्पर्धा के कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में मलेशिया के ली जी जिया ने सेन को 13-21, 21-16, 21-11 से हरा दिया था। इससे पहले सेमीफाइनल में उन्हें विक्टर एक्सेलसन से हार मिली थी। अपने सफर में उन्होंने जोनाथन क्रिस्टी को भी हराया था।
अपना तीसरा ओलंपिक पदक नहीं जीत सकी पीवी सिंधु
भारत की स्टार शटलर पीवी सिंधु को प्री-क्वार्टर फाइनल में हार मिली थी। चीन की बिंग जियाओ ने भारतीय दिग्गज को 21-19 और 21-14 से हराया था। इसके साथ ही वह ओलंपिक में पदकों की हैट्रिक पूरा करने का सपना पूरा नहीं कर सकी थी। इससे पहले राउंड ऑफ-16 में उन्होंने एस्टोनिया की क्रिस्टिन कुउबा को हराया था। अपने पहले मुकाबले में उन्होंने फातिमाथ नाबाह को शिकस्त दी थी।
सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी क्वार्टर फाइनल में हारी
पेरिस ओलंपिक 2024 में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी नया इतिहास रचने में नाकाम रही। उन्हें मलेशिया की सोह वूई यिक और आरोन चिया की जोड़ी ने 2-1 से हरा दिया। इस जोड़ी ने अपने पहले मैच में फ्रांस के रोनन लेबर और लुकास कोरवी की जोड़ी को सीधे गेमों में 21-17, 21-14 से हराया था। भारतीय जोड़ी ने दूसरे मैच में इंडोनेशिया की अल्फियान फजर और मुहम्मद रियान अर्दियांतो की जोड़ी को 21-13, 21-13 हराया था।
लक्ष्य सेन से हारकर बाहर हुए थे एचएस प्रणय
एचएस प्रणय ने अपने पहले मैच में जर्मनी के फेबियन रोथ को 21-18, 21-12 से हराया था। इसके बाद अपने दूसरे मैच में उन्होंने वियतनाम के ले डुक फाट को 3 गेम तक चले मुकाबले में हार गए थे। प्री-क्वार्टर फाइनल में उनका सामना हमवतन सेन से हुआ, जिसमें वह सीधे गेम में हारकर बाहर हो गए थे। यह ओलंपिक इतिहास में पहला मौका था, जब 2 भारतीय पुरुष शटलर आमने-सामने थे।
अश्विनी पोन्नपा और तनिषा क्रैस्टो की जोड़ी ने किया निराश
महिला युगल स्पर्धा में अश्विनी पोन्नपा और उनकी जोड़ीदार तनिषा क्रैस्टो की जोड़ी ने निराश किया और अपने ग्रुप के तीनों मैच हारे थे। अश्विनी और तनिषा ग्रुप सी के अपने अंतिम मैच में ऑस्ट्रेलिया की सेतियाना मापासा और एंजेला यू से 15-21, 10-21 से हार गईं। अपने तीनों ग्रुप मैच हारकर उनका अभियान समाप्त हो गया। इसके बाद पोन्नपा ने अपने बैडमिंटन करियर से संन्यास ले लिया था।
बैडमिंटन में भारत ने जीते हैं कुल 3 पदक
अब तक केवल साइना नेहवाल और पीवी सिंधु ने ओलंपिक में भारत के लिए (महिला एकल बैडमिंटन में) पदक जीते हैं। 2012 के लंदन खेलों में नेहवाल ने बैडमिंटन में भारत का पहला ओलंपिक पदक जीता था। उन्होंने कांस्य पदक पर कब्जा जमाया था। इसके बाद सिंधु ने लगातार 2 पदक (2016 में रजत और 2020 में कांस्य) हासिल किए। पुरुषों में अब तक कोई भारतीय शटलर पदक नहीं जीत सके हैं।