बैडमिंटन: विश्व चैंपियन को हराकर इंडिया ओपन जीतने वाले लक्ष्य सेन कौन हैं?

पिछले कुछ सालों में भारत ने बैडमिंटन जगत में खुद को स्थापित किया है। ओलंपिक जैसा बड़ा मंच हो या अन्य छोटी-बड़ी प्रतियोगिताएं, भारतीय शटलर पहली पंक्ति में नजर आते हैं। भारत की इस निरंतरता को बरकरार रखने के लिए अब युवा लक्ष्य सेन आगे आए हैं। उन्होंने बीते रविवार को इंडिया ओपन का खिताब जीतकर भविष्य के सितारे के रूप में खुद का परिचय कराया है। आइए जानते हैं लक्ष्य के अब तक के सफर के बारे में।
लक्ष्य का जन्म 16 अगस्त, 2001 को उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा में हुआ। पहाड़ी राज्य में जन्में लक्ष्य के परिवार में बैडमिंटन की परंपरा रही है। उनके बड़े भाई चिराग सेन भी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं और उनके पिता डीके सेन राष्ट्रीय स्तर के कोच हैं। लक्ष्य के कौशल को उनके पिता ने कम उम्र में ही पहचान लिया था और उन्हें प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी में भेज दिया, जहां से उन्होंने अंडर-15 और अंडर-19 में उम्दा प्रदर्शन किया।
साल 2016 में बैंकॉक में खेली गई एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में लक्ष्य ने कांस्य पदक जीतकर सबको प्रभावित किया। पहले से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 2018 में लक्ष्य ने थाईलैंड के कुनलावुत विटिसैम को 21-19, 21-18 से हराकर एशिया जूनियर चैंपियनशिप में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद लक्ष्य ने उसी साल विश्व जूनियर चैंपियनशिप में कुनलावुत को फिर से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया।
लक्ष्य ने डच ओपन के फाइनल में जापान के युसुके ओनोडेरा को हराकर 2019 में अपना पहला BWF वर्ल्ड टूर खिताब जीता। उसी साल उन्होंने जर्मनी में सारलोरलक्स ओपन में पहला स्थान हासिल करने के बाद अपना दूसरा BWF वर्ल्ड टूर खिताब जीता। फाइनल में लक्ष्य ने चीनी खिलाड़ी वेंग होंगयांग को तीन गेम तक चले मुकाबले में हराया था। बता दें लक्ष्य के ये दोनों खिताब सुपर-100 स्तर के थे।
दिसंबर 2021 में, लक्ष्य ने स्पेन में हुई विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। सेमीफाइनल में लक्ष्य को श्रीकांत किदांबी ने 21-17, 14-21, 17-21 से हराया था। हालांकि, फाइनल में श्रीकांत को भी हार का सामना करना पड़ा था।
बीते रविवार को लक्ष्य सेन ने पुरुष एकल फाइनल में मौजूदा विश्व चैंपियन लोह कीन येव को हराकर इंडिया ओपन का खिताब जीता है। 20 वर्षीय सेन ने 54 मिनट तक चले मुकाबले को सीधे गेम में 24-22, 21-17 से जीतकर अपना पहला सुपर-500 खिताब जीता। लक्ष्य, प्रकाश पादुकोण और श्रीकांत किदांबी के बाद इंडिया ओपन खिताब जीतने वाले सिर्फ तीसरे भारतीय पुरुष एकल खिलाड़ी हैं। पादुकोण ने 1981 में जबकि श्रीकांत ने 2015 में यह खिताब जीता था।