BWF विश्व टूर फाइनल्स: पीवी सिंधु ने यामागुची को हराकर फाइनल में किया प्रवेश
क्या है खबर?
दो बार की ओलंपिक पदक विजेता भारत की पीवी सिंधु ने BWF विश्व टूर फाइनल्स के खिताबी मुकाबले में प्रवेश कर लिया है। भारतीय स्टार खिलाड़ी सिंधु ने सेमीफाइनल मुकाबले में जापान की अकाने यामागुची को 21-15, 15-21, 21-19 से हरा दिया। यह मुकाबला एक घंटा 10 मिनट तक चला।
मौजूदा विश्व चैंपियन सिंधु का सामना रविवार को दक्षिण कोरिया की एन सेयॉन्ग से होगा।
इस खबर पर एक नजर डालते हैं।
लेखा-जोखा
तीन गेम तक चला कड़ा मुकाबला
पहले गेम में यामागुची ने 4-0 से बढ़त बनाकर अच्छी शुरुआत की लेकिन सिंधु ने वापसी करते हुए स्कोर एक समय 9-9 से बराबरी पर ला दिया। यहां से सिंधु ने पहला गेम अपने नाम किया।
वहीं आक्रामक खेल दिखाते हुए दूसरे गेम में यामागुची ने मुकाबले को निर्णायक गेम तक धकेला।
तीसरे गेम में दोनों शटलरों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली, जिसमें अंततः सिंधु ने 21-19 से मुकाबला जीत लिया।
हेड-टू-हेड
सिंधु ने यामागुची के खिलाफ जीता 13वां मैच
आज के मैच को जीतकर सिंधु ने जापानी शटलर के खिलाफ अपनी बढ़त को मजबूत कर लिया है।
यामागुची और सिंधु के बीच अब तक आपस में 21 मुकाबले हो चुके हैं जिसमें यह भारतीय शटलर की 13वीं जीत है। दूसरी तरफ यामागुची ने सिंधु को आठ बार हराया है।
इन दोनों खिलाड़ियों के बीच पिछला मुकाबला इंडोनेशिया मास्टर्स के सेमीफाइनल में खेला गया था, जिसे यामागुची ने 21-13, 21-9 से अपने नाम किया था।
प्रदर्शन
इस साल शानदार फॉर्म में रही है सिंधु
इस साल पीवी सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था और उसके बाद भी लगातार शानदार फॉर्म में चल रही हैं।
वह BWF विश्व टूर फाइनल्स में खेलने से पहले अपने पिछले तीन प्रतियोगिताओं फ्रेंच ओपन, इंडोनेशिया मास्टर्स और इंडोनेशिया ओपन के सेमीफाइनल में पहुंची थी।
इससे पहले वह मार्च में खेले गए स्विस ओपन में उपविजेता रही थीं।
न्यूजबाइट्स प्लस (फैक्ट)
बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय हैं सिंधु
2019 में पीवी सिंधु ने बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप जीती और ऐसा करने वाली पहली भारतीय बनीं थी।
उन्होंने फाइनल मुकाबले में जापान की नोजोमी ओकुहारा को 21-7, 21-7 से हराकर यह उपलब्धि हासिल की थी।
सिंधु ने बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में कुल पांच पदक जीते और ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता झांग निंग की बराबरी की थी।
हालांकि, वह यह उपलब्धि हासिल करने वाली सबसे तेज (2013-2014, 2017-2018 और 2019) बैडमिंटन खिलाड़ी बन गईं।