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कौन हैं भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री अनिल मेनन, जो 2026 में जाएंगे अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन?
अंतरिक्ष यात्री अनिल मेनन 2026 में अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन जाएंगे

कौन हैं भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री अनिल मेनन, जो 2026 में जाएंगे अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन?

Jul 02, 2025
09:30 am

क्या है खबर?

अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने घोषणा की है कि भारतीय मूल के अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री अनिल मेनन जून, 2026 में अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए अपने पहले मिशन पर जाएंगे। वह इस मिशन में फ्लाइट इंजीनियर और एक्सपीडिशन 75 के चालक दल के सदस्य होंगे। उनके साथ प्योत्र डबरोव और अन्ना किकिना भी होंगी। यह टीम कजाकिस्तान के बैकोनूर कॉस्मोड्रोम से रूस के सोयुज MS-29 अंतरिक्ष यान के जरिए अंतरिक्ष में जाएगी।

परिचय

कौन हैं अनिल मेनन? 

मेनन का जन्म 15 अक्टूबर, 1976 को अमेरिका के मिनियापोलिस में हुआ था। उनके पिता भारत के हैं, वहीं उनकी माता यूक्रेन की हैं। वह एक आपातकालीन चिकित्सा विशेषज्ञ, मैकेनिकल इंजीनियर और अमेरिकी स्पेस फोर्स में कर्नल हैं। उन्होंने हार्वर्ड से न्यूरोबायोलॉजी, स्टैनफोर्ड से मेडिकल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसके साथ ही, यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में इमरजेंसी और एयरोस्पेस मेडिसिन की ट्रेनिंग भी ली है और अब वह युवा डॉक्टरों को पढ़ाते भी हैं।

 उपलब्धियां 

अन्य उपलब्धियां और पारिवारिक जीवन 

मेनन स्पेस-X में पहले फ्लाइट सर्जन भी रह चुके हैं। उन्होंने स्पेस-X के पहले क्रू मिशन डेमो-2 में अहम भूमिका निभाई थी। 2021 में वह नासा के अंतरिक्ष यात्री बने और 2024 में ट्रेनिंग पूरी की। उनकी पत्नी अन्ना मेनन स्पेस-X में इंजीनियर हैं और 2024 में एक निजी अंतरिक्ष मिशन में गई थीं। उन्होंने बच्चों के लिए 'किसेस फ्रॉम स्पेस' नाम से एक किताब भी लिखी है। यह दंपती 2 बच्चों के माता-पिता हैं।

मिशन

मिशन में क्या करेंगे मेनन?

इस मिशन में मेनन और उनकी टीम ISS में करीब 8 महीने बिताएगी। वहां वह कई वैज्ञानिक परीक्षण और रिसर्च करेंगे, जो भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए मददगार होंगे। यह मिशन मानव अंतरिक्ष शोध की दिशा में एक और अहम कदम होगा। अंतरिक्ष में इस तरह की लंबी यात्रा से वैज्ञानिकों को कई नई जानकारियां मिलती हैं, जिससे धरती और अंतरिक्ष के बीच की दूरी कम करने में मदद मिलती है।