
प्लूटो को अब क्यों नहीं माना जाता है ग्रह? यहां जानिए इसकी वजह
क्या है खबर?
नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप सहित कई आधुनिक यंत्रों की मदद से वैज्ञानिक लगातार अंतरिक्ष में नए ग्रहों की खोज कर रहे हैं।
अब तक वैज्ञानिकों ने 8 ग्रहों को सौरमंडल में शामिल किया है। इसी खोज के दौरान 1930 में प्लूटो नामक एक पिंड मिला, जिसे 2006 तक ग्रह माना गया।
हालांकि, बाद में इसे ग्रहों की सूची से हटा दिया गया। आखिर ऐसा क्यों हुआ, आइए जानते हैं।
वजह
क्यों नहीं माना जाता है ग्रह?
इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन (IAU) ने साल 2006 में यह तय किया कि कोई भी पिंड तभी ग्रह कहलाएगा जब वह सूरज की परिक्रमा करे, उसका आकार गोल हो और उसने अपने आसपास के रास्ते से सभी छोटे पिंडों को हटा दिया हो।
प्लूटो सूरज के चक्कर लगाता है और वह गोल भी है, लेकिन उसने अपने रास्ते से बाकी पिंडों को नहीं हटाया है। इसी वजह से अब उसे ग्रह नहीं माना जाता है।
बौना ग्रह
अब प्लूटो को कहा जाता है 'बौना ग्रह'
प्लूटो का आकार छोटा है और इसका रास्ता यानी ऑर्बिट कई अन्य छोटे पिंडों से घिरा रहता है।
इसलिए वैज्ञानिकों ने इसे 'बौना ग्रह' यानी ड्वार्फ प्लैनेट की श्रेणी में डाल दिया है। इस श्रेणी में प्लूटो के अलावा एरिस, हाउमिया और माकीमाकी जैसे खगोलीय पिंड भी शामिल हैं।
ये सभी आकार में छोटे हैं और इनमें ग्रह जैसी कुछ खूबियां तो हैं, लेकिन वे पूरी तरह ग्रह नहीं कहे जा सकते।
अध्ययन
प्लूटो अब भी वैज्ञानिकों की रुचि का केंद्र
प्लूटो को ग्रह नहीं माना जाता, लेकिन अभी भी यह वैज्ञानिकों के लिए एक खास पिंड है।
2015 में नासा के न्यू होराइजन्स मिशन ने जब पहली बार इसके पास से उड़ान भरी, तो इसकी सतह, वातावरण और अन्य विशेषताओं की नई जानकारी सामने आई।
इस मिशन के दौरान वहां, बर्फीली सतह, पतली गैसें और अलग तरह की जलवायु देखने को मिली। इससे यह साफ है कि ग्रह न होते हुए भी प्लूटो बहुत खास है।