
पृथ्वी पर कैसे खत्म होगा जीवन? नासा के अध्ययन में जताया गया यह अनुमान
क्या है खबर?
अब तक यह माना जाता रहा है कि पृथ्वी पर जीवन का अंत किसी उल्कापिंड की टक्कर, सूरज के विस्फोट या किसी बड़े प्राकृतिक हादसे से होगा।
हालांकि, अब एक नया वैज्ञानिक अध्ययन इस सोच को बदल रहा है।
नासा और जापान के टोहो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पृथ्वी पर जीवन के अंत को लेकर एक चौंकाने वाला दावा किया है। उनके मुताबिक, यह अंत किसी बाहरी घटना से नहीं, बल्कि भीतर की एक प्रक्रिया से होगा।
वजह
पृथ्वी पर कैसे खत्म होगा जीवन?
टोहो विश्वविद्यालय और नासा की साझेदारी में हाल ही में किए गए इस अध्ययन में बताया गया है कि पृथ्वी पर जीवन अचानक खत्म नहीं होगा, बल्कि धीरे-धीरे खत्म होगा। यह प्रक्रिया अरबों वर्षों में विकसित होगी।
वैज्ञानिकों ने वायुमंडलीय और ग्रहों के बदलावों का मॉडल बनाकर अनुमान लगाया कि सूर्य की चमक बढ़ने से वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा धीरे-धीरे घटने लगेगी, जो जीवन के लिए गंभीर खतरा होगा।
आपूर्ति
कैसे खत्म होगी ऑक्सीजन की आपूर्ति?
अध्ययन में बताया गया कि समय के साथ सूर्य अधिक गर्म और चमकदार होता जाएगा, जिससे पृथ्वी पर तापमान बढ़ेगा, जिससे कार्बन चक्र गड़बड़ा जाएगा।
इस बदलाव का सबसे बड़ा असर पौधों की प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया पर पड़ेगा, जिससे ऑक्सीजन बनती है। ऑक्सीजन की कमी के कारण पहले पेड़-पौधे खत्म होंगे और फिर ऑक्सीजन पर निर्भर सभी जीव-जंतु भी धीरे-धीरे समाप्त हो जाएंगे।
ऐसे में एनारोबिक बैक्टीरिया और सूक्ष्मजीव केवल बचेंगे, जो कठिन परिस्थितियों में भी जिंदा रह सकते हैं।