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बृहस्पति पर दिखा पृथ्वी से सैकड़ों गुना ज्यादा चमकीला चमकीला ऑरोरा 
बृहस्पति पर दिखा पृथ्वी से ज्यादा चमकीला चमकीला ऑरोरा (तस्वीर: नासा)

बृहस्पति पर दिखा पृथ्वी से सैकड़ों गुना ज्यादा चमकीला चमकीला ऑरोरा 

May 13, 2025
05:12 pm

क्या है खबर?

अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें सौर तूफान के टकराने पर बृहस्पति पर बना जबरदस्त ऑरोरा दिखाया गया है। जेम्स वेब टेलीस्कोप से पता चला कि यह ऑरोरा पृथ्वी के मुकाबले सैकड़ों गुना ज्यादा चमकीला है। यह खोज बृहस्पति के चुंबकीय क्षेत्र और उसके असर को बेहतर समझने में मदद कर रही है। बृहस्पति पर यह ऑरोरा तेजी से बदलता है, जो वैज्ञानिकों को उसके वातावरण को समझने का एक नया रास्ता देता है।

आयो 

आयो चंद्रमा से भी मिल रहे हैं कण 

वैज्ञानिकों के मुताबिक, बृहस्पति के ऑरोरा का एक और स्रोत उसका चंद्रमा आयो भी है। यह चंद्रमा ज्वालामुखीय गतिविधियों के कारण अंतरिक्ष में कण फेंकता है, जो ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र में फंसकर ऑरोरा बनाते हैं। हबल और वेब टेलीस्कोप दोनों ने इस घटना को कैप्चर किया है। शोधकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने सोचा था कि रोशनी धीरे-धीरे कम होगी, लेकिन यह कुछ सेकंड में ही बदलती दिखी, जो उनके लिए भी चौंकाने वाला था।

अंतर

हबल और वेब के डाटा में अंतर 

इस अध्ययन में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि वेब टेलीस्कोप द्वारा देखी गई तेज रोशनी, हबल टेलीस्कोप की तस्वीरों में नहीं दिखी। इससे वैज्ञानिक हैरान हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता था कि इतनी कम ऊर्जा वाले कण इतनी तेज रोशनी नहीं बना सकते। अब वैज्ञानिक इस गड़बड़ी की जांच कर रहे हैं और यह समझना चाह रहे हैं कि बृहस्पति का वातावरण और अंतरिक्ष का माहौल मिलकर इतनी तीव्र रोशनी कैसे पैदा करते हैं।

ऑरोरा

क्या होता है ऑरोरा? 

ऑरोरा चमकीली रोशनी होती है, जो ग्रह के ध्रुवों के पास आसमान में दिखाई देती है। यह तब बनती है जब सूर्य से आने वाले आवेशित कण ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र से टकराते हैं और ऊपरी वायुमंडल में गैसों से टकराकर रोशनी पैदा करते हैं। पृथ्वी पर इसे उत्तर या दक्षिण ध्रुव के पास 'नॉर्दर्न लाइट्स' या 'सदर्न लाइट्स' कहा जाता है। बृहस्पति जैसे ग्रहों पर ये और बड़े और चमकीले होते हैं, क्योंकि उनके चुंबकीय क्षेत्र शक्तिशाली होते हैं।