2024 में अमेरिका के साथ ISS पार्टनरशिप खत्म करेगा रूस, छोड़ेगा अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन
यूक्रेन और रूस के बीच बनी हुई युद्ध के चलते वॉशिंगटन और मॉस्को में तनाव की स्थिति बरकरार है। अब सामने आया है कि रूसी अंतरिक्ष एजेंसी साल 2024 के बाद अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) से पार्टनरशिप खत्म कर रही है। रोसकॉस्मोस के अधिकारियों के के हवाले से समाचार एजेंसी AFP ने यह साझेदारी खत्म होने की जानकारी दी है। इसका मतलब है कि रूस साल 2024 के बाद ISS छोड़ देगा।
रूसी अंतरिक्ष एजेंसी चीफ ने लिया फैसला
समाचार एजेंसी ने रूसी अंतरिक्ष एजेंसी चीफ की ओर से मिली जानकारी रिपोर्ट में शेयर की है। चीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा है, "बेशक, हम अपने पार्टनर के साथ सभी बाध्यताएं पूरी करेंगे, लेकिन साल 2024 के बाद इस स्टेशन छोड़ने का फैसला लिया जा चुका है।" बता दें, यह फैसला अमेरिकी की ओर से रूसी अंतरिक्ष यात्रियों की आलोचना करने के कुछ सप्ताह बाद आया है।
स्पेस स्टेशन के राजनीतिक इस्तेमाल पर आपत्ति
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA की ओर से बीते दिनों रूसी अंतरिक्ष यात्रियों की गतिविधि पर आपत्ति जताई गई थी। NASA ने कहा था, "हम यूक्रेन के खिलाफ युद्ध का समर्थन करने से जुड़े राजनीतिक मकसद के लिए अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन का इस्तेमाल करने के लिए रूस को फटकार लगाते हैं। इस स्टेशन को विज्ञान और शांति से जुड़े काम और प्रयोग करने के लिए 15 अलग-अलग देश मिलकर एकसाथ चला रहे हैं।"
अमेरिका और रूस संबंध युद्ध के चलते प्रभावित
दुनिया की दोनों परमाणु शक्तियों के बीच संबंध तनावपूर्ण दौर में हैं, जब करीब चार महीने पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी है। राजनीतिक संबंधों में उतार-चढ़ाव के बावजूद भी रूस अंतरिक्ष एजेंसी रोसकॉस्मोस और NASA एकसाथ काम कर रही हैं। इतना ही नहीं, रूसी स्पेस एजेंसी तो अपने सोयूज एयरक्राफ्ट में अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री मार्क वेंडे हेइ को भी लेकर गई थी।
पुतिन ने रूसी अंतरिक्ष एजेंसी में बदलाव किए
रूसी अंतरिक्ष एजेंसी में हाल ही में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं और पुतिन के मुखर समर्थक दिमित्री रोगोजिन को उनके पद से हटाया गया है। उनकी जगह उप-प्रधानमंत्री यूरी बोरीसोव को एजेंसी चीफ बनाया गया है, जिनके जिम्मे इससे पहले हथियारों का विभाग था। रोगोजिन स्पेस स्टेशन से रूस के सहयोग को लेकर विवाद की स्थिति में थे। अप्रैल में उन्होंने ISS को लेकर आगाह किया था कि रूस इसके साथ पार्टनरशिप खत्म कर सकता है।
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन ऐसे करता है काम
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) अंतरिक्ष में मौजूद एक प्रकार की प्रयोगशाला है, जहां धरती से एस्ट्रोनॉट्स जाकर रहते हैं और कई तरह के प्रयोग करते हैं। इसे अमेरिका और रूस समेत कई देश मिलकर संचालित करते हैं। इसके आकार की बात करें तो यह 357 फीट इलाके में बना हुआ है और 300 कारों के कुल वजन से भी भारी है। यह हर 90 मिनट में धरती का एक चक्कर लगा लेता है।
न्यूजबाइट्स प्लस
साल 1990 से ही अंतरिक्ष में सक्रिय अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में करीब 110 देश सहयोग कर चुके हैं और इसमें अलग-अलग तरह के शोध या प्रयोगों का हिस्सा बने हैं। अमेरिका ने इस साल ISS की मिशन टाइमलाइन 2030 तक बढ़ाने का फैसला किया है।