
हैकर्स की पहुंच से नहीं बच पाई NASA, एजेंसी के कर्मचारियों का डाटा लीक
क्या है खबर?
दुनियाभर में हैकिंग की बढ़ती घटनाओं के बीच अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) भी महफूज नहीं है।
हैकर्स ने NASA में भी सेंध लगा ली है। इस साल अक्टूबर में हुई डाटा लीक में एजेंसी के कई पूर्व और मौजूदा कर्मचारियों का डाटा चोरी हुआ है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, NASA ने घटना के लगभग दो महीने बाद अपने सभी कर्मचारियों को मेल भेजकर इसकी जानकारी दी है।
सेंध
NASA के किसी मिशन को खतरा नहीं
हैकर्स ने एजेंसी के कर्मचारियों की निजी जानकारी रखने वाले सर्वर में सेंध लगाई थी।
अभी तक लीक की वजह और कितने कर्मचारियों का डाटा लीक हुआ है, इस बारे में पता नहीं चल पाया है। साथ ही हैकर्स के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है।
कर्मचारियों को भेजे अपने मेल में NASA ने कहा है कि इस घटना से उसके किसी मिशन को कोई खतरा नहीं है। साथ ही सभी कर्मचारियों को सुरक्षा बरतने को कहा गया है।
घटना
पहले भी NASA में हो चुकी है डाटा लीक की घटनाएं
एजेंसी के सहायक प्रशासक बॉब गिब्स ने कहा है कि जुलाई 2006 से अक्टूबर 2018 तक NASA के सिविल सेवाओं के कर्मचारियों के तौर पर काम करने वाले लोग इस घटना से प्रभावित हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जांच होने के बाद कर्मचारियों को पूरी जानकारी के साथ पहचान सुरक्षा सेवा और दूसरे संसाधन दिए जाएंगे ताकि वे जरूरी कदम उठा सकें।
इससे पहले 2011 और 2016 में भी NASA में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं।
जांच
NASA कर रही मामले की जांच
NASA के मुताबिक, डाटा लीक की यह घटना 23 अक्टूबर को हुई। फिलहाल एजेंसी फेडरल साइबर सिक्योरिटी विभाग के साथ मिलकर सर्वर की जांच कर रही है।
इसमें पता लगाया जाएगा कि डाटा लीक की यह घटना कितने बड़े स्तर पर हुई।
गिब्स ने कहा कि यह इस प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है। अभी हम शीर्ष अधिकारियों के साथ मिलकर मामले की जांच कर रहे हैं और यही हमारी प्राथमिकता है।
डाटा लीक
लगातार बढ़ रही है डाटा लीक की घटनाएं
पिछले कुछ समय से डाटा लीक के कई मामले सामने आए हैं। जानी मानी सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन और सवाल-जवाब वाले प्लेटफॉर्म कोरा से भी यूजर्स का डाटा लीक हुआ था।
हाल ही में कैस्परस्की लैब की रिपोर्ट के मुताबिक, डार्क वेब पर इंटरनेट यूजर्स की पूरी डिजिटल हिस्ट्री महज Rs. 3,500 से भी कम में बिक रही है।
ये सारा डाटा यूजर्स के अकाउंट हैक कर चुराया जाता है फिर इसे बेचा जाता है।