
भारतीय राजनयिकों से 'ऑपरेशन सिंदूर' का बदला ले रहा पाकिस्तान, मूलभूत जरूरतों पर लगाई रोक
क्या है खबर?
पाकिस्तान ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान हुए नुकसान की बौखलाहट में अब इस्लामाबाद में तैनात भारतीय राजनयिकों से बदला लेना शुरू कर दिया है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान ने इन भारतीय अधिकारियों और कर्मचारियों की बुनियादी जरूरतों पर रोक लगा दी है, जिसमें पानी, रसाई गैस और अखबार आदि शामिल हैं। इसके बाद भारत ने भी जवाबी कदम उठाते हुए दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात पाकिस्तानी राजनयिकों की अखबारों की आपूर्ति रोक दी।
गैस
भारतीय उच्चायोग की गैस आपूर्ति बंद की
CNN न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग परिसर में सुई नॉर्दर्न गैस पाइपलाइन्स लिमिटेड (SNGPL) पाइपलाइन गैस की आपूर्ति करती है, लेकिन उसे जानबूझकर रोक दिया गया है। इसी तरह पाकिस्तानी अधिकारियों ने स्थानीय गैस एजेंसियों को भी भारतीय उच्चायोग कर्मचारियों को गैस सिलेंडर न देने की धमकी दी है। ऐसे में राजनयिकों और उनके परिवारजनों को खुले बाजार से बड़ी मशक्कत के बाद निर्धारित कीमत से महंगे दामों में गैस खरीदनी पड़ रही है।
पानी
पानी और अखबार की आपूर्ति भी बंद
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग को फिल्टर पानी उपलब्ध करवाने वाले वेंडर को भी डिलीवरी करने से रोक दिया है। इससे भारतीय कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि सामान्य उपलब्ध पानी पीने और खाना बनाने योग्य नहीं है। इसी तरह स्थानीय अखबारों की सप्लाई भी बंद करवा दी है। इससे भारतीय उच्चायोग पाकिस्तान के प्रिंट मीडिया तक पहुंच नहीं बना पा रहा है और उन्हें घटनाक्रमों की जानकारी नहीं मिल पा रही है।
निगरानी
अधिकारी और कर्मचारियों की निगरानी भी बढ़ाई
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी अधिकारियों ने मलूभूत जरूरतों को रोकने के साथ ही उच्चायोग में तैनात भारतीय अधिकारियों समेत सभी कर्मचारियों की निगरानी भी बढ़ा दी है। उनके हर कदम पर नजर रखी जा रही है और भारतीय राजनयिक आवासों और कार्यालयों में अनधिकृत प्रवेश भी बढ़ गए हैं। यह कदम पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की इस्लामाबाद में भारतीय राजनयिकों के रहने और काम करने की स्थिति को प्रभावित करने की मंशा से उठाया गया है।
जानकारी
राजनयिकों की आपूर्ति रोकना है वियना कन्वेंशन का उल्लंघन
भारतीय राजनयिकों के खिलाफ पाकिस्तान की ओर से उठाए गए इस कदम को वियना कन्वेंशन का घोर उल्लंघन माना जा रहा है। यह राजनयिक कर्मचारियों की सुरक्षा और सम्मान की गारंटी देता है। हालांकि, दोनों ही देशों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
पुनरावृत्ति
साल 2019 में भी पाकिस्तान ने उठाया था ऐसा ही कदम
साल 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी पाकिस्तान ने इसी तरह के कदम उठाए थे। उस दौरान पाकिस्तानी अधिकारियों ने भारतीय राजनयिक कर्मियों के खिलाफ लगातार दबाव की रणनीति अपनाई थी। इस्लामाबाद में एक सूत्र ने इंडिया टुडे से कहा, "ऐसा पहले भी हो चुका है जब भारत ने 2019 में पुलवामा हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक की थी। उस समय भी भारतीय राजनयिकों को इसी तरह परेशान किया गया था।"
झटका
पाकिस्तान को 'ऑपरेशन सिंदूर' से लगा बड़ा झटका
बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हुई थी। उसके जवाब में भारत ने सिंधु जल संघि निलंबित करने समेत कई राजनीतिक कदम उठाए और 6 मई की रात को 'ऑपरेशन सिंदूर' चला दिया था। इसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करते हुए 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया था। उसके बाद पाकिस्तान ने जवाबी हमले किए, लेकिन भारत ने उसका मुंहतोड़ जवाब दिया था।