स्टारशिप रॉकेट के दूसरे टेस्ट के लिए तैयार स्पेस-X, पहली बार हो गई थी गड़बड़
स्पेस-X अपने स्टारशिप मेगारॉकेट की दूसरी टेस्ट उड़ान के लिए नियामकीय अनुमति मिलने का इंतजार कर रही है। एलन मस्क के नेतृत्व वाली यह कंपनी की यह रॉकेट नियामकीय अनुमति के बाद 17 नवंबर को उड़ान भरने के लिए तैयार है। इससे पहले इसने 20 अप्रैल को पहली टेस्ट उड़ान भरी थी, जो विस्फोट के बाद विफल हो गई थी। इसके बाद स्पेस-X ने फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (AFA) द्वारा अनिवार्य 63 बदलावों सहित इसमें कई सुधार किए हैं।
इसलिए महत्वपूर्ण है स्टारशिप
स्टारशिप को बनाने वाली कंपनी स्पेस-X का दावा है कि उसका 400 फीट ऊंचा यह रॉकेट अब तक का सबसे ताकतवर रॉकेट है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मंगल ग्रह की संभावित यात्राओं सहित कंपनी के अन्य महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियान इसी रॉकेट पर केंद्रित हैं। यह नासा के आर्टिमिस मून कार्यक्रम और व्यापक अंतरिक्ष उड़ान कम्युनिटी के लिए एक क्रांतिकारी बढ़त का वादा करता है। साथ ही अंतरिक्ष मिशनों को किफायती बनाने में मददगार होगा।
पहले परीक्षण में पता चली ये महत्वपूर्ण कमियां
स्टारशिप के पहले टेस्ट से कई कमियां पता चलीं, जिन्हें सुधारा गया है। पहला कमी बोका चिका लॉन्च माउंट में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी थी, जो बड़ी चूक साबित हुई। रॉकेट के 33 रैप्टर इंजनो की ताकत ने 8 सेकेंड के फायरिंग चरण में लॉन्च माउंट के नीचे के क्षेत्र नष्ट कर दिया था, जिससे आसपास के क्षेत्रों में मलबा और धूल फैल गई। इसको रोकने के लिए स्पेस-X ने वाटर-कूल्ड स्टील फ्लेम डिफ्लेक्टर का निर्माण किया है।
सेल्फ-डिस्ट्रक्ट मैकेनिज्म में किया गया सुधार
सुधार का एक अन्य क्षेत्र रॉकेट का सेल्फ-डिस्ट्रक्ट मैकेनिज्म है। पहले परीक्षण में रॉकेट के सेल्फ-डिस्ट्रक्ट कमांड तुरंत प्रतिक्रिया देने में विफल रहा। इससे खतरनाक देरी हुई। अब कंपनी ने इस सिस्टम में सुधार किया। बता दें कि स्पेस-X ने अस्थायी लॉन्च के लिए 17 नवंबर को चुना है, यानी इसे जल्द ही हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि लाइसेंस जारी करने के लिए नियामकों पर दवाब डालने का यह तरीका हो सकता है।
किए गए ये महत्वपूर्ण बदलाव
पहले परीक्षण में रॉकेट के अलग होने की प्रक्रिया योजना के मुताबिक नहीं हुई। इसे अब सुधारा गया है। सुपर हैवी रैप्टर इंजनों के लिए नया इलेक्ट्रॉनिक थ्रस्ट वेक्टर कंट्रोल (TVC) सिस्टम लागू किया गया है। मेगारॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन और लिक्विड मीथेन प्रोपेलेंट को लोड करने की प्रक्रिया लॉन्च से 1 घंटे 37 मिनट पहले शुरू होगी। रैप्टर इंजन एक प्री-लॉन्च प्रकिया या इंजन चिल प्रक्रिया से गुजरेंगे। यह काउंटडाउन के दौरान 19 मिनट 40 सेकंड पर शुरू होगी।
स्टारशिप को इसलिए किया गया है डिजाइन
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चांद पर लैंडिंग के लिए अपने आर्टिमिस-3 मिशन के लिए स्टारशिप को शामिल किया है। इस मिशन को 2025 तक लॉन्च किए जाने की योजना है। ऐसे में स्टारशिप की सफलता और महत्वपूर्ण है। इसकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए स्टारशिप में कुल 1,000 से अधिक बदलाव किए गए हैं। स्टारशिप को चालक दल और कार्गो दोनों को पृथ्वी के ऑर्बिट, चांद, मंगल और उससे आगे ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
स्पेस-X एलन मस्क की अंतरिक्ष कंपनी है। यह एकमात्र निजी अंतरिक्ष कंपनी है, जो पृथ्वी की निचली ऑर्बिट से किसी अंतरिक्ष यान को वापस लाने में सक्षम है। इसके पास फाल्कन 9, फाल्कन हैवी, ड्रैगन, स्टारशिप जैसे रॉकेट हैं और कंपनी का ज्यादा जोर बार-बार इस्तेमाल हो सकने वाले रॉकेट पर है। यह कंपनी स्टारलिंक नाम से सैटेलाइट भी लॉन्च करती है, जिसके जरिए सैटेलाइट आधारित इंटरनेट की सुविधा कई देशों में दी जा रही है।