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एलन मस्क की स्टारलिंक भारत में जल्द शुरू कर सकती है सैटेलाइट इंटरनेट सेवा
एलन मस्क की स्टारलिंक भारत में जल्द सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू कर सकती है

एलन मस्क की स्टारलिंक भारत में जल्द शुरू कर सकती है सैटेलाइट इंटरनेट सेवा

लेखन रजनीश
Aug 24, 2023
05:27 pm

क्या है खबर?

एलन मस्क की स्टारलिंक जल्द ही भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू कर सकती है। एक रिपोर्ट में इस मामले से जुड़े अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि दूरसंचार विभाग (DoT) के अधिकारियों की 20 सितंबर, 2023 को बैठक होने की संभावना है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैठक में यह तय किया जाएगा कि स्टारलिंक को उचित लाइसेंस के जरिए देश के भीतर काम करने की अनुमति दी जाए या नहीं।

मीटिंग

स्टारलिंक के पिछले साल सैटेलाइट इंटरनेट सेवा के लिए किया था आवेदन

रिपोर्ट में बताया गया है कि स्टारलिंक ने पिछले साल दूरसंचार विभाग के पास सैटेलाइट के जरिए ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन (GMPCS) के लिए आवेदन किया था। स्टारलिंक ने वर्ष 2021 में भारत में सैटेलाइट इंटरनेट के लिए प्री-बुकिंग शुरू कर दी थी। हालांकि, सरकार ने इसे प्री-बुकिंग बंद करने और इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए लाइसेंस लेने के लिए कहा था। स्टारलिंक की आधारिकारिक वेबसाइट में अभी "रेगुलेटरी अप्रूवल" के इंतजार की बात कही गई है।

रिपोर्ट

बिना लाइसेंस के नहीं शुरू हो पाएगी सर्विस

रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया, "हम किसी भी कंपनी को बिना लाइसेंस के सर्विस नहीं शुरू करने देना चाहते। हमने स्काइप के मामले में इसका अनुभव किया है। हम कंपनी को लाइसेंसिंग व्यवस्था में नहीं ला सके। अब यह हमारे दायरे से बाहर है और किसी भी रेगुलेशन का पालन नहीं कर रही।" अधिकारी के मुताबिक, इंटरनेट आधारित सेवाओं (OTT भी) को यूजर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लाइसेंसिंग व्यवस्था के तहत लाया जाना चाहिए।

जानकारी

इस वजह से है लाइेसेंस की जरूरत

अधिकारी ने कहा कि यदि OTT कंपनियां लाइसेंसिंग के तहत हैं तो वे सरकारी निर्देशों का पालन करेंगी। उन्होंने कहा, "नूंह और मणिपुर जैसी घटनाओं में पूरी तरह से इंटरनेट शटडाउन किए बिना इन ऐप्स को अपनी सेवाएं बंद करने का निर्देश दे सकते हैं।"

स्टारलिंक

आपदा और युद्ध के दौरान भी नहीं बाधित होती सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सुविधाए 

स्टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं दुनिया भर के लगभग 32 देशों में उपलब्ध हैं। यूक्रेन में भी इसकी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा उपलब्ध है। रूस के साथ युद्ध के दौरान यूक्रेन में संचार व्यवस्था के पूरी तरह बंद हो जाने के दौरान स्टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्टारलिंक इंटरनेट सेवाएं स्पेस-X द्वारा संचालित लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) स्टारलिंक सैटेलाइट के समूह पर निर्भर करती हैं। स्पेस-X ने अब तक 4,000 से ज्यादा सैटेलाइट लॉन्च की है।

एयरटेल

एय़रटेल और जियो भी सैटेलाइट इंटरनेट लाने में लगीं

भारत में सिर्फ स्टारलिंक ही नहीं एयरटेल और जियो भी सैटेलाइट इंटरनेट शुरू करने के प्रयास तेज कर रही हैं। एयरटेल जहां वनवेब के साथ मिलकर सैटेलाइट इंटरनेट लाने की तैयारी में है वहीं जियो की सैटेलाइट ब्रांच जियो स्पेस टेक्नोलॉजी ने भी GMPCS लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। लाइसेंस प्राप्त करने के बाद ग्राहकों तक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा पहुंचाने के लिए कंपनियों को दूरसंचार विभाग द्वारा आवंटित सैटेलाइट स्पेक्ट्रम खऱीदने की जरूरत होगी।

इंटरनेट

क्या है सैटेलाइट इंटरनेट?

सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस में ब्राडबैंड की तरह केबल कनेक्शन की जरूरत नहीं होती। इसमें लगभग उसी तरह वायरलेस इंटरनेट मिलता है जैसे टीवी में छतरी के जरिए चैनल नेटवर्क पहुंचते हैं। इसमें ग्राहकों को एक किट मिलेगी, जिसमें एक छतरी, वाई-फाई राउटर, पावर सप्लाई, केबल आदि होता है। इसकी छतरी को घर की छत या बाहरी हिस्से में लगाना होता है। ये सैटेलाइट से सिग्नल पाता है और फिर वाई-फाई राउटर के जरिए इंटरनेट की सर्विस मिलती है।