चंद्रयान-3 मिशन को सफल बनाने के लिए नासा और ESA ऐसे कर रही ISRO की मदद
क्या है खबर?
भारत के साथ ही अन्य देशों के लोगों और अंतरिक्ष एजेंसियों की निगाह देश के चांद मिशन चंद्रयान-3 की लैंडिंग पर टिकी हुई हैं।
रूस के चांद मिशन लूना-25 के दुर्घटनाग्रस्त और उसके लैंडर के नष्ट होने के बाद से चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम से और ज्यादा उम्मीदें बढ़ गई हैं।
चंद्रयान-3 मिशन को सफल बनाने के लिए भारत की अंतरिक्ष एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की मदद नासा और अन्य एजेंसियां भी कर रही हैं।
मिशन
अंतरिक्ष यान के हेल्थ की निगरानी में मदद कर रही है नासा
इस मिशन की सफलता के बाद चांद की सतह पर उतरने वाले देशों की लिस्ट में भारत चौथा देश होगा।
चंद्रयान-3 भारत का तीसरा चांद मिशन है और यह अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा सहित अन्य विदेशी अंतरिक्ष एजेंसियों की मदद से चलाया जा रहा है।
14 जुलाई को चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के बाद से नासा अंतरिक्ष यान की हेल्थ की निगरानी के लिए ISRO की मदद कर रही है।
नासा
नासा का डीप स्पेस नेटवर्क इस्तेमाल कर रहा है ISRO
द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जेट प्रोपल्शन लेबोरेट्री के इंटरप्लेनेटरी नेटवर्क डायरेक्टोरेट कस्टमर इंटरफेस मैनेजर समी असमर ने कहा कि ISRO को नासा ने अपना डीप स्पेस नेटवर्क दिया है।
यह नेटवर्क कैनबरा डीप स्पेस कम्युनिकेशंस कॉम्पलेक्स में डीप स्पेस स्टेशन (DSS)-36 और DSS-34 से संचालित डीसेंट चरण के दौरान टेलीमेट्री और ट्रैकिंग कवरेज प्रदान कर रहा है। इसके साथ ही मैड्रिड डीप स्पेस कम्युनिकेशंस कॉम्पलेक्स में DSS-65 प्रदान कर रहा है।
स्टेशन
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) इस तरह से कर रही मदद
जर्मनी के ESOC डार्मस्टेड के ग्राउंड ऑपरेशंस इंजीनियर रमेश चेल्लाथुराई ने द हिंदू को बताया कि नासा के साथ-साथ यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) भी भारत की मदद कर रही है।
ESA एस्ट्रैक नेटवर्क में 2 ग्राउंड स्टेशनों के माध्यम से सैटेलाइट को उसके ऑर्बिट में ट्रैक करती है।
ESA अंतरिक्ष यान से टेलीमेट्री भी प्राप्त करती है और इसे बेंगलुरू में मिशन ऑपरेशन सेंटर को भेजती है। यह बेंगलुरू से फ्लाइंग सैटेलाइट को भेजे गए कमांड्स को आगे बढ़ाती है।
लैंडिंग
23 अगस्त को है सॉफ्ट लैंडिंग की उम्मीद
चंद्रयान-3 के लैंडर के चांद की सतह के करीब आने के साथ ही इन एजेंसियों के ग्राउंड स्टेशनों का सपोर्ट अहम भूमिका निभाता है।
चांद पर लैंडिंग के दौरान लैंडर मॉड्यूल को ट्रैक करने और कम्युनिकेशन के लिए एस्ट्रैक नेटवर्क में एक तीसरा ग्राउंड स्टेशन स्थापित किया गया है।
बता दें कि चंद्रयान-3 के 23 अगस्त, 2023 को शाम 5 बजकर 27 मिनट पर चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की उम्मीद है।