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टेस्ला की ऑटोपायलट तकनीक की फिर शुरू हुई जांच, जानिए क्या है कारण 
टेस्ला टेस्ला मॉडल वाई के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद ऑटोपायलट तकनीक जांच शुरू हुई है (तस्वीर: टेस्ला)

टेस्ला की ऑटोपायलट तकनीक की फिर शुरू हुई जांच, जानिए क्या है कारण 

Aug 13, 2023
02:42 pm

क्या है खबर?

अमेरिका के नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन (NHTSA) ने टेस्ला की ऑटोपायलट तकनीक पर फिर से एक नई जांच शुरू की है। यह जांच 19 जुलाई को टेस्ला मॉडल वाई क्रॉसओवर के वर्जीनिया में एक ट्रेलर से टकरा जाने के बाद शुरू की गई है। इस दुर्घटना में कार चालक की जान भी चली गई थी। एजेंसी यह जांच करेगी कि क्या जब दुर्घटना हुई उस वक्त यह गाड़ी ऑटोपायलट मोड पर चल रही थी।

संदेह

अब तक हो चुकी हैं ऐसी 36 दुर्घटनाएं 

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, NHTSA को संदेह है कि ट्रेलर से टकराते समय टेस्ला कार चालक ऑटोपायलट तकनीक पर भरोसा कर रहा था। इलेक्ट्रिक कार साइड से टकराने के बाद ट्रेलर की चपेट में आ गई, जिससे चालक की मौत हो गई। एजेंसी 2016 से लेकर अब तक 36 से अधिक टेस्ला कार दुर्घटनाओं की जांच कर चुकी है, जिनमें ऑटोपायलट तकनीक के इस्तेमाल का संदेह था। इन हादसों में अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है।

ऑटोपायलट तकनीक 

क्या है ऑटोपायलट तकनीक? 

टेस्ला का ऑटोपायलट एक एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) है, जो ऑटोमैटिक रूप से कार को अपनी लेन के भीतर चलाने, स्पीड तेज करने के साथ ब्रेक लगा सकता है। इस तकनीक का एक एडवांस वर्जन भी है, जो हाइवे पर लेन बदलने में सहायक है। इसका नाम भले ऑटोपायलट है, लेकिन कंपनी कहती है कि इसके संचालन के लिए हर समय चालक की निगरानी जरूरी है क्योंकि यह पूरी तरह से ऑटोनोमस ड्राइविंग सॉफ्टवेयर नहीं है।