डिजिटल इंडिया एक्ट ला सकती है सरकार- मंत्री राजीव चंद्रशेखर
सरकार एक डिजिटल इंडिया एक्ट पर काम कर रही है। इसमें इंटरनेट पर अवैध, आपराधिक और बाल यौन शोषण सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए नए नियम शामिल किये जाएंगे। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) द्वारा आयोजित बाल यौन शोषण सामग्री (CSAM) पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस एक्ट के तहत आपत्तिजनक सामग्री को होस्ट करने के मामले में इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISPs) अधिक जवाबदेह होंगे।
एक्ट में ऑनलाइन गेमिंग को भी किया जाएगा कवर- चंद्रशेखर
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि प्रस्तावित कानून में ऑनलाइन गेमिंग को भी कवर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम वर्तमान में मौजूद चुनौतियों का समाधान नहीं करते हैं इसलिए सरकार ने IT नियम 2021 का गठन किया था। उन्होंने आगे कहा कि इंटरनेट प्रोवाइडर को जवाबदेह बनाने के लिए IT नियम में 2022 में संशोधन भी किया गया। अब डिजिटल टेक्नोलॉजी कानून लाने का भी प्रस्ताव है।
घटिया कंटेंट हटाने के लिए ISPs की जवाबदेही तय करना अनिवार्य- मंत्री
मंत्री ने कहा कि सरकार इंटरनेट उपयोग को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन वह यह भी चाहती है कि यह सुरक्षित और विश्वसनीय हो। ऐसे में घटिया कंटेंट को हटाने के लिए ISPs और बाकि इंटरमेडियरी की जवाबदेही तय करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी और निजता के बीच इंटरनेट का इस्तेमाल आपत्तिजनक कंटेंट के लिए नहीं किया जा सकता। इंटरनेट प्रोवाइडर को इंटरनेट पर आपत्तिजनक कंटेट भेजने वाले का खुलासा करना होगा।
"इंटरनेट के जरिए हो रहा है अपराध"
चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि जिस इंटरनेट को लोगों के सशक्तिकरण के लिए एक टूल के रूप में देखा जाता था, वह ऐसे ईकोसिस्टम में बदल गया है, जिसके जरिए अवैध और अपराध हो रहा है। हालांकि, राजीव चंद्रशेखर ने बाल यौन शोषण के मामलों पर यह भी कहा कि ये सिर्फ इंटरनेट का परिणाम नहीं है। उन्होंने कहा कि इसे कानून के अलग प्रावधानों के तहत एड्रेस करने की जरूरत है।
मोबाइल और डिजिटल युग को माना जा रहा बढ़े बाल यौन शोषण का कारण
आपको बता दें कि मोबाइल और डिजिटल युग को बाल यौन शोषण को और अधिक बढ़ाने का कारण माना जा रहा है। इसके जरिये ऑनलाइन चोरी, उत्पीड़न और चाइल्ड पोर्नोग्राफी जैसे बाल शोषण के नए रूप भी सामने आए हैं।
क्या है IT एक्ट 2000?
IT Act 2000 भारतीय संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है जो 17 अक्टूबर, 2000 को लागू हुआ। 2009 में इसे संशोधित किया गया। बीते साल IT एक्ट 2000 की धारा 66 A काफी ज्यादा चर्चा में रही। सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में ही इस धारा के तहत किसी की भी गिरफ्तारी और उस पर मुकदमा चलाने पर रोक लगाया था, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी कई राज्यों में इस धारा के तहत केस दर्ज किए जा रहे थे।