ब्रूनेई का नया कानून, समलैंगिकों को पत्थर मारकर उतार दिया जाएगा मौत के घाट
दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश ब्रूनेई में व्यभिचार (Adultery) और समलैंगिक (Gay) लोगों को लेकर कठोर शरिया नियम लागू होने जा रहा है। यह कानून पिछले चार सालों से विवादों के चलते ठंडे बस्ते में था। अब यह अगले सप्ताह से अमल में आएगा। देश में समलैंगिकता पहले से अवैध है। नए कानून के तहत पत्थर मारकर मौत की सजा दी जाएगी। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इसका भारी विरोध किया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस पर तत्काल रोक लगाने का आग्रह किया है।
केवल मुस्लिमों के लिए लागू होंगे नियम
देश में नई और कठोर दंड संहिता लागू होने जा रही है। इसके तहत चोरी करने के आरोप में हाथ-पैर काटने की सजा का प्रावधान है। ध्यान देने वाली बात यह है कि नई दंड संहिता केवल मुसलमानों पर लागू होगी।
3 अप्रैल को होगी नई व्यवस्था की घोषणा
नई दंड संहिता 3 अप्रैल से लागू हो सकती है। ब्रूनेई ने इस दंड संहिता को सबसे पहले 2013 में लागू करने की घोषणा की थी, जिसके बाद इस पर विवाद शुरू हो गया था। मानवाधिकार संगठनों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी। ब्रूनेई के एक धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने कहा कि सुल्तान हसलन बोल्कियाह इस बारे में 3 अप्रैल को घोषणा करेंगे। इसके बाद ही पता चलेगा कि नई व्यवस्था कब से लागू होगी।
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने जताया विरोध
मानवाधिकार कार्यकर्ता फिल रॉबर्ट्सन ने कहा कि नया कानून लागू होते ही देश मानवाधिकारों को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरों में आ जाएगा। उन्होंने कहा, "अगर सबकुछ योजना के मुताबिक चलता रहा तो विश्व का बहिष्कार करने वाला ब्रूनेई आंदोलन फिर से शुरू हो जाएगा।" फिल ने कहा कि अगर यह कानून लागू होता है तो ब्रूनेई दक्षिण पूर्व एशिया का एकमात्र देश बन जाएगा, जहां समलैंगिकों को मौत की सजा दी जाएगी।
भारत में सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक संबंधों को दी मान्यता
भारत में सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर, 2018 को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय बेंच ने एकमत से समलैंगिकता को अपराध मानने वाली धारा 377 को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि समलैंगिक समुदाय को भी बराबर अधिकार है। फैसले में कहा गया कि अंतरंगता और निजता निजी पसंद है। इसमें राज्य का दखल नहीं होना चाहिए।
1,800 कमरों के महल में रहते हैं यहां के सुल्तान
ब्रूनेई को 1984 में इंग्लैंड से आजादी मिली थी। फिलहाल ब्रूनेई के सुल्तान हसनल बोल्कियाह यहां राज कर रहे हैं। लगभग 4.5 लाख की जनसंख्या वाले देश के सुल्तान 1,788 कमरों वाले महल में रहते हैं।