पुलिस ने चोरी के आरोपी को सांप से डराया, बाद में मांगी माफी, देखें वायरल वीडियो
इंडोनेशिया में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है जिसमें पुलिस ने एक आरोपी को सांप दिखाकर उसे डराने की कोशिश की है। घटना का वीडियो सामने आने के बाद इंडोनेशिया पुलिस ने मामले पर माफी मांगी है। वीडियो में आरोपी को डर के कारण चीखते हुए सुना जा सकता है, जबकि जांच अधिकारी हंसते हुए नजर आ रहे हैं। बता दें कि इंडोनेशिया के पूर्वी क्षेत्र पापुआ में 1960 के दशक से ही विद्रोही माहौल है।
पुलिस ने कहा- सांप जहरीला नहीं था
पुलिस ने देश के पूर्वी क्षेत्र पापुआ के सैम लोकोन को चोरी के आरोप में पकड़ा था और सांप के साथ जेल में बंद कर दिया था। आरोप है कि उन्हें पीटा भी गया। पुलिस ने पहले अधिकारियों के कार्य को यह कह कर उचित ठहराने की कोशिश की थी कि सांप जहरीला नहीं था और पुलिस ने उसकी पिटाई नहीं की। सैम पश्चिम पापुआ राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष हैं और इलाके की इंडोनेशिया से आजादी का समर्थन करते हैं।
वीडियो वायरल होने पर पुलिस हुई माफी मांगने पर मजबूर
घटना का वीडियो शेयर करने वाली मानवाधिकार वकील वेरोनिका कोमन का कहना है कि पूछताछ का तरीका कष्टदायक था और यह पुलिस नीतियों और कानूनों का उल्लंघन करता है। उन्होंने कहा कि यह पुलिस और सेना द्वारा पापुआ के बंदियों को सांप के जरिए डराने के कई मामलों में से एक है। उन्होंने कहा कि वीडियो स्थानीय पापुआ समुदाय के लोगों के खिलाफ नस्लवाद की संस्कृति दिखाता है। उन्होंने घटना को उचित ठहराने के पुलिस के प्रयासों की आलोचना की।
आरोपी की गर्दन और कमर पर लिपटा हुआ है सांप
वीडियो 1 मिनट 20 सेकंड का है और इसमें 2 मीटर लंबे गहरे भूरे रंग के सांप को देखा जा सकता है। सांप आरोपी की गर्दन और कमर पर लिपटा हुआ है और उसके हाथ हथकड़ी से बंधे हुए हैं। वहां मौजूद पुलिस अधिकारी सांप के मुंह को आरोपी के चेहरे पर दबा रहे हैं। इस दौरान आरोपी डर के कारण चीख रहा है। अधिकारी आरोपी से पूछ रहे हैं कि वह कितनी बार फोन चोरी कर चुका है।
यहां देखें वायरल वीडियो
1960 से ही इलाके में विद्रोही माहौल
इलाके के पुलिस प्रमुख टोनी आनंदा स्वदया का घटना पर कहना है कि अधिकारियों को नैतिक प्रशिक्षण देकर उनका तबादला दूसरी जगहों पर कर दिया गया है। घटना के बाद इलाके में तनाव बढ़ सकता है। बता दें कि 1960 दशक के शुरुआती सालों में इंडोनेशिया के न्यू गिनी के पश्चिमी इलाके पर कब्जा करने के बाद से ही इलाके में विद्रोह जारी है। इससे पहले यह इलाका नीदरलैंड का गुलाम था।
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