पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम के लिए लॉन्च हुआ 'डिजिलॉकर' प्लेटफॉर्म
क्या है खबर?
भारत सरकार अपनी डिजिटल सेवाओं की मदद से सरकारी दस्तावेजों की प्रक्रिया को पेपरलेस बनाने का काम कर रही है।
अब पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम के लिए डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म लॉन्च किया गया है।
मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स की सेवा के लिए नया प्लेटफॉर्म लॉन्च करते हुए केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि इसकी मदद से देश के नागरिक पासपोर्ट के लिए जरूरी दस्तावेज पेपरलेस मोड में जमा कर पाएंगे।
इसके लिए नागरिकों को ओरिजनल दस्तावेज लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
बदलाव
बदल गया पासपोर्ट देने का तरीका
मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर एक्सटर्नल अफेयर्स मुरलीधरन ने कहा कि पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम की मदद से देश में पासपोर्ट दिए जाने के तरीके में बड़ा बदलाव आया है।
उन्होंने कहा, "पिछले छह साल में यहां बड़ा बदलाव दिखा है। 2017 में पहली बार हर महीने सबमिट की जाने वाली ऐप्लिकेशंस 10 लाख के आंकड़े को पार कर गईं। मुझे बताया गया है कि पासपोर्ट सेवा प्रोजेक्ट से आज तक सात करोड़ से ज्यादा पासपोर्ट भारतीय नागरिकों को दिए गए हैं।"
सेवा केंद्र
पोस्ट ऑफिस में खुले पासपोर्ट सेवा केंद्र
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया आसान करने के लिए हेड पोस्ट ऑफिसेज में पासपोर्ट सेवा केंद्र खोलने की शुरुआत की है।
आज 426 पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र (POPSKs) काम कर रहे हैं और इनकी संख्या बढ़ाने का काम किया जा रहा है।
अगर 36 पासपोर्ट ऑफिसेज और 93 मौजूदा पासपोर्ट सेवा केंद्रों को शामिल करें तो भारत में कुल 555 पासपोर्ट ऑफिस नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं।
डिजिलॉकर
डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म से हुआ इंटीग्रेशन
नागरिकों के लिए पासपोर्ट पाने की प्रक्रिया बेहतर बनाने और उन्हें पासपोर्ट सेवा केंद्र का पेपरलेस अनुभव देने के लिए अब सरकार के डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म का इसके साथ इंटीग्रेशन किया गया है।
पासपोर्ट सेवा के लिए डिजिलॉकर लॉन्च होने के बाद अब नागरिक पासपोर्ट के लिए जरूरी दस्तावेज डिजिलॉकर की मदद से सबमिट कर सकेंगे।
आने वाले वक्त में सरकार डिजिलॉकर के साथ बायोमेट्रिक पासपोर्ट्स का विकल्प दे सकती है, जिससे एयरपोर्ट्स पर इमीग्रेशन की प्रक्रिया आसान बनाई जा सके।
योजना
डिजिलॉकर में सेव किया जा सकेगा पासपोर्ट
सरकार आने वाले वक्त में पासपोर्ट को डिजिलॉकर डॉक्यूमेंट्स का हिस्सा बना सकती है।
कभी पासपोर्ट खो जाने की स्थिति में इस सेवा की मदद से यूजर्स के पास पासपोर्ट रिट्रीव करने का विकल्प रहेगा।
पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम V2.0 में आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, चैटबॉट, एनालिटिक्स, रोबोटिक्स प्रोसेस ऑटोमेशन (RPA) जैसी टेक्नोलॉजी शामिल की जाएंगी।
डिजिलॉकर सेवा का इस्तेमाल करने के लिए नागरिक इसकी वेबसाइट पर जा सकते हैं या फिर मोबाइल ऐप इंस्टॉल कर सकते हैं।