अमेरिका में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की फ़जीहत, स्वागत के लिए नहीं पहुंचा कोई अमेरिकी अधिकारी
शनिवार को तीन दिवसीय दौरे पर अमेरिका पहुंचे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का स्वागत करने कोई भी अमेरिकी अधिकारी एयरपोर्ट पर नहीं पहुंचा। अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के तहत मेहमान राष्ट्राध्यक्ष के स्वागत के लिए अक्सर शीर्ष अधिकारी एयरपोर्ट पहुंचते हैं। खर्च में कटौती के लिए प्राइवेट जेट की बजाय कमर्शियल फ्लाइट से वाशिंगटन पहुंचे इमरान का पाकिस्तानी विदेश मंत्री विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और अमेरिका में पाकिस्तानी राजदूत असद एम खान ने स्वागत किया।
सेनाध्यक्ष और ISI चीफ के साथ अमेरिका पहुंचे हैं इमरान
इमरान के साथ पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा, खुफिया एजेंसी ISI के महानिदेशक फैज हमीद और उनके वाणिज्य सलाहकार अब्दुल रज्जाक दावूद भी अमेरिका पहुंचे हैं। इमरान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने जो वीडियो डाला है, उसमें देखा जा सकता है कि कमर्शियल फ्लाइट से उतरने के बाद कुरैशी और असद खान उनका स्वागत कर रहे हैं। एयरपोर्ट से बाहर निकलने के लिए भी उन्होंने आम यात्रियों की तरह 'पीपुल्स मूवर' इस्तेमाल किया।
पाकिस्तानी दूतावास ने खबर को बताया गलत
वहीं अमेरिका में पाकिस्तान दूतावास ने इन खबरों को झूठा बताते हुए कहा है कि इमरान का स्वागत करने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी एयरपोर्ट पर पहुंचे। हालांकि वीडियो में कोई भी अमेरिकी अधिकारी नहीं दिख रहा है। ट्विटर पर इमरान के इस फीके स्वागत पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि खर्च में कटौती के लिए कमर्शियल फ्लाइट के उपयोग के लिए इमरान की जमकर तारीफ हो रही है।
अमेरिका में इमरान खान का बेहद फीका स्वागत
चीन में भी हुआ था कुछ ऐसा ही फीका स्वागत
इससे पहले इमरान जब अप्रैल में चीन के दौरे पर पहुंचे थे, तब वहां भी उनका कुछ इसी तरीके का स्वागत हुआ था। पाकिस्तान के दोस्त माने जाने वाले चीन में इमरान के स्वागत के लिए कोई भी बड़ा अधिकारी मौजूद नहीं था और बीजिंग नगर निगम की डिप्टी मेयर ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया था। इस फीके स्वागत के बाद भी इमरान की जमकर आलोचना हुई थी और इसे पाकिस्तान की गिरती साख का प्रतीक माना गया था।
पाकिस्तान के लिए अहम है ये दौरा
बता दें कि प्रधानमंत्री के तौर पर इमरान का ये पहला अमेरिकी दौरा है। वह 22 जुलाई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात करेंगे। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के अनुसार, ट्रम्प ने इमरान को अमेरिका आने का निमंत्रण दिया था। इससे अमेरिका-पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार आने की उम्मीद की जा रही है और अफगानिस्तान समेत कई मुद्दों पर बात हो सकती है। इमरान आर्थिक संकट से जूझ रहे अपने देश के लिए कुछ राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए इमरान को करना पड़ सकता है विरोध का सामना
इमरान के दौरे की शुरूआत ही इस तरीके से हुई है जो संकेत देती है कि ट्रम्प प्रशासन इस दौरे को खास महत्व नहीं दे रहा है। इस बीच अमेरिकी कांग्रेस के 10 सदस्यों ने ट्रम्प को खत लिखकर इमरान के सामने सिंध प्रांत में मानवाधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा उठाने को कहा है। बलूच रिपब्लिकन पार्टी और विश्व बलूच संस्था ने भी दौरे के समय बलूचिस्तान में मानवाधिकार के उल्लंघन के मुद्दे पर अभियान चलाने की बात कही है।