विधानसभा चुनावों से पहले तृणमूल कांग्रेस मेें शामिल हुए पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पूर्व भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो गए हैं।
83 वर्षीय सिन्हा ने 2018 में भाजपा से संबंध तोड़ लिए थे और उसके बाद से वो लगातार प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार की नीतियों की मुखरता से आलोचना करते रहे हैं।
दूसरी तरफ ममता बनर्जी की TMC के लिए सिन्हा का आना राहतभरा है क्योंकि पार्टी के कई नेता उसका साथ छोड़ चुके हैं।
बयान
आज की भाजपा पहले से अलग- सिन्हा
कोलकाता के TMC भवन में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करते हुए सिन्हा ने कहा कि आज देश अभूतपूर्व स्थिति का सामना कर रहा है। लोकतंत्र की ताकत उसकी संस्थाओं में होती है। अब न्यायपालिका समेत सभी संस्थाएं कमजोर हो गई हैं।
उन्होंने कहा, "अटल जी के समय भाजपा सहमति में भरोसा रखती थी, लेकिन आज की सरकार कुचलने और जीतने में यकीन रखती है। अकाली, बीजू जनता दल आदि भाजपा का साथ छोड़ चुके हैं।"
बयान
ममता पर हुए हमले के बाद समर्थन देने का फैसला किया- सिन्हा
यशवंत सिन्हा ने कहा, "ममता जी पर नंदीग्राम में जो हमला हुआ, वह टिपिंग पॉइंट था। तभी मैंने TMC में शामिल होने और ममता जी को समर्थन देने का फैसला किया।'
सूत्रों का कहना है कि TMC उन्हें दिनेश त्रिवेदी के भाजपा में जाने से खाली हुई राज्यसभा की सीट पर नियुक्त कर सकती है। हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। त्रिवेदी ने सदन में ही राज्यसभा से इस्तीफा देने का ऐलान किया था।
जानकारी
कई अहम पदों पर रह चुके हैं सिन्हा
IAS अधिकारी रह चुके सिन्हा पहली बार 1998 में पहली बार लोकसभा सांसद बने थे। वो वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री और विदेश मंत्री रहे थे। इससे पहले वो पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की 1990-1991 तक चली सरकार में भी वित्त मंत्री थे।
करियर
1984 में नौकरी छोड़ राजनीति में आए
सिन्हा 1984 में भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देकर राजनीति में आए थे। नौकरी छोड़कर वो जनता पार्टी में शामिल हुए और 1986 में इसके अखिल भारतीय महासचिव बने। दो साल बाद वो सांसद बनकर राज्यसभा पहुंचे।
अगले साल यानी 1989 में जनता दल के गठन के समय उन्हें महासचिव बनाया गया। बाद में वो भाजपा में शामिल हुए और 1996 में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता बने। उनके बेटे जयंत सिन्हा भाजपा के लोकसभा सांसद हैं।
विधानसभा चुनाव
पश्चिम बंगाल में कब है चुनाव?
पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीटों के लिए 27 मार्च से आठ चरणों के विधानसभा चुनावों की शुरुआत हो जाएगी।
राज्य में 27 मार्च को पहले चरण, 1 अप्रैल को दूसरे चरण, 6 अप्रैल को तीसरे, 10 अप्रैल को चौथे, 17 अप्रैल को पांचवें, 22 अप्रैल को छठे, 26 अप्रैल को सातवें और 29 अप्रैल को आठवें और आखिरी चरण की वोटिंग होगी।
2 मई को पता चलेगा कि पश्चिम बंगाल में अगली सरकार किसकी होगी।
पश्चिम बंगाल
भाजपा और TMC में कड़ी टक्कर
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है और यहां मुख्य टक्कर सत्तारूढ़ TMC और भाजपा के बीच मानी जा रही है।
अभी तक बंगाल में छोटी पार्टी रही भाजपा इस बार TMC के किले में सेंध लगाने की तैयारी के साथ उतरी है और उसने TMC के कई नेताओं को तोड़ लिया है।
दूसरी तरफ ममता बनर्जी भी भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए पूरा जोर लगा रही हैं।