कोरोना वायरस: पश्चिम बंगाल बना एक लाख से अधिक मामलों वाला सातवां राज्य
पश्चिम बंगाल में लगातार लॉकडाउन बढ़ाए जाने के बाद भी कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी नहीं आ रही है। मंगलवार को भी राज्य में संक्रमण के 2,931 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस (TMC) शासित राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 1,01,390 पर पहुंच गई है। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल एक लाख से अधिक मामले रखने वाला देश का सातवां राज्य बन गया है। राज्य में अब तक 2,149 की मौत हो चुकी है।
राष्ट्रीय औसत से बेहतर है ठीक होने वालों की दर
पश्चिम बंगाल के लिए राहत की बात यह है कि यहां संक्रमितों की ठीक होने की दर 72.3 प्रतिशत है। यह दर राष्ट्रीय औसत दर 69.80 प्रतिशत से अधिक है। ऐसे में राज्य सरकार इसे अपनी बड़ी उपलब्धि मानकर चल रही है।
राज्य के अन्य जिलों से अधिक है कोलकाता की मृत्यु दर
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पश्चिम बंगाल में मंगलवार को कोरोना संक्रमण से कुल 49 लोगों की मौत हुई है। इनमें से सबसे ज्यादा मौत राजधानी कोलकाता में 18 लोगों की हुई है। राजधानी की मृत्यु दर 3.3% राज्य की औसत दर 2.1% और राष्ट्रीय औसत 1.9% से कहीं अधिक है। राज्य के 90% गंभीर मामले और कुल मामलों का 70% कोलकाता, हुगली, हावड़ा और उत्तर और दक्षिण 24 परगना के हॉटस्पॉट बनने के साथ दक्षिण बंगाल क्षेत्र में हैं।
कई बड़े राजनेताओं ने वायरस के आगे टेके घुटने
कोरोना वायरस ने राज्य में कई बड़ी हस्तियों मौत की नींद सुला दिया है। तृणमूल विधायक तमोनाश घोष और माकपा नेता श्यामल चक्रवर्ती का संक्रमित होने के बाद निधन हो गया। इसके अलावा कपड़ा और MSME मंत्री स्वपन देबनाथ को कोरोना संक्रमित होने के बाद बर्धमान के बेलियाघाटा ID अस्पताल में भर्ती कराया गया। इससे पहले अग्नि मंत्री सुजीत बसु ने भी सकारात्मक परीक्षण किया था, लेकिन खुशकिश्मती से वह उपचार के बाद ठीक हो गए।
बढ़ते संक्रमण के बीच पश्चिम बंगाल ने बढ़ाई टेस्टिंग की रफ्तार
राज्य ने 29 जुलाई से अपनी टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाना शुरू कर दिया है। मंगलवार को 24 घंटों के भीतर रिकॉर्ड 27,015 लोगों नमूनों की जांच की गई है। अलग-अलग जिलों में मरीजों की रिकवरी से राज्य को राहत मिली है। मंगलवार सुबह 9 बजे तक कुल 3,067 रोगियों को छुट्टी दे दी गई। इसके साथ राज्य में ठीक होने वालों की संख्या 73,395 हो गई है। राज्य में दिल्ली और तमिलनाडु के बाद तीसरी सबसे अधिक रिकवरी रेट है।
विशेषज्ञों के अनुसार राज्य में तेजी से फैल रहा है संक्रमण
रोग नियंत्रण विशेषज्ञ देबकिशोर गुप्ता ने TOI को बताया, "पिछले कुछ सप्ताह में प्रतिदिन के मामलों में बहुत अधिक तेजी आई है। यह संक्रमण खतरनाक दर से फैल रहा है। यह उम्मीद की जा रही है कि हम धीरे-धीरे चरम की ओर बढ़ सकते हैं।"
संक्रमितों की संख्या एक लाख के पार पहुंचना अच्छा संकेत नहीं- विशेषज्ञ
कोरोना नियंत्रण समिति के एक विशेषज्ञ, सुकुमार मुखर्जी ने कहा कि संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए लंबवत दृष्टिकोण रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "हम तुरंत कोई निष्कर्ष नहीं निकाल सकते हैं, हालांकि, टेस्टिंग में बढ़ोतरी के बाद 25,000 सक्रिय मामले अच्छा संकेत हैं। राज्य में एक लाख का आंकड़ा पार करना अच्छा नहीं है।" बता दें कि NICED ने फरवरी से NIV पुणे में परीक्षण के लिए सैंपल भेजने शुरू कर दिया था।
टेस्टिंग बढ़ी, लेकिन अनियमितता कर रही लोगों को परेशान
हालांकि, पश्चिम बंगाल में टेस्टिंग की संख्या 11.5 लाख तक पहुंच गई है, लेकिन विभिन्न क्षेत्रों से अनियमितताओं और भेदभावपूर्ण व्यवहार की खबरें सामने आई हैं। कोलकाता में एक परिवार ने आरोप लगाया कि एक अस्पताल ने मरीज को अग्रिम भुगतान के बिना टेस्ट करने से मना कर दिया। हावड़ा और तमलुक में भी ऐसी ही शिकायतें सामने आई हैं, जहां लोगों ने उपकरणों की कमी और परीक्षण में देरी का आरोप लगाया है।