पश्चिम बंगाल में छह-सात चरणों में हो सकते हैं विधानसभा चुनाव, 15 फरवरी के बाद फैसला
चुनाव आयोग पश्चिम बंगाल में छह-सात चरणों में विधानसभा चुनाव कराने पर विचार कर रहा है और इस संबंध में अंतिम फैसला 15 फरवरी के बाद लिया जा सकता है। इसके अलावा आयोग तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक-एक चरण और असम में दो-तीन चरण में चुनाव कराने पर भी विचार कर रहा है। आयोग के शीर्ष अधिकारी जल्द ही तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी का दौरा कर सकते हैं। बंगाल और असम का दौरा वह पहले ही कर चुके हैं।
चार राज्यों और पुडुचेरी में अप्रैल में होने हैं चुनाव
बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी की मौजूदा विधानसभाओं का कार्यकाल मई-जून में खत्म हो रहा है और इससे पहले अप्रैल में यहां चुनाव होने हैं। इन चुनावों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए आयोग की टीम असम और बंगाल का दौरा कर चुकी है और अब मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के नेतृत्व में एक टीम 10-11 फरवरी को तमिलनाडु का दौरा करेगी। यह टीम 12 फरवरी को पुडुचेरी और 13-14 फरवरी को केरल के दौरे पर जाएगी।
बंगाल के चुनाव राजनीतिक तौर पर सबसे महत्वपूर्ण
बता दें कि इन सभी राज्यों में पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव को राजनीतिक तौर पर सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है और यहां की 294 विधानसभा सीटों पर मुख्य टक्कर सत्तारूढ़ TMC और भाजपा के बीच मानी जा रही है। अभी तक बंगाल में छोटी पार्टी रही भाजपा इस बार TMC के किले में सेंध लगाने की तैयारी के साथ उतरी है और खुद अमित शाह चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति तैयार कर रहे हैं।
शाह ने पार्टी को दिया 200 सीटें जीतने का लक्ष्य
2019 लोकसभा चुनाव में बंगाल की 42 में से 18 सीटें जीतने से भाजपा के आत्मविश्वास में इजाफा हुआ है और शाह ने राज्य भाजपा को विधानसभा चुनाव में 200 सीटें जीतने का लक्ष्य दिया है। हालांकि विशेषज्ञ इस लक्ष्य को "अति-महत्वाकांक्षी" मान रहे हैं।
TMC छोड़ भाजपा में शामिल हुए हैं सुवेंदु अधिकारी समेत कई बड़े नेता
इन चुनाव से पहले TMC के कई बड़े नेताओं, सांसदों और विधायकों ने उसका साथ छोड़ भाजपा का दामन थामा है और इन नेताओं में सुवेंदु अधिकारी सबसे बड़ा नाम हैं जिन्होंने 2016 विधानसभा चुनाव में TMC की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी रहे अधिकारी का राज्य के पश्चिमी इलाके की 50 से अधिक सीटों के स्थानीय नेताओं पर प्रभाव है और इससे भाजपा को बड़ा फायदा हो सकता है।
अधिकारी को चुनौती देने के लिए नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी ममता
सुवेंदु अधिकारी बंगाल की राजनीति में क्या अहमियत रखते हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें चुनौती देने के लिए खुद ममता बनर्जी नंदीग्राम से चुनाव लड़ने जा रही है। नंदीग्राम को अधिकारी का गढ़ माना जाता है और वे भी यही से चुनाव लड़ेंगे। ममता और अधिकारी के इस मुकाबले को इस चुनाव का सबसे दिलचस्प मुकाबला माना जा रहा है और ये काफी हद तक चुनाव की तस्वीर तय कर सकता है।