संसद का शीतकालीन सत्र कल से: 16 विधेयक होंगे पेश, वक्फ बिल-मणिपुर पर हंगामे के आसार
संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है, जो 20 दिसंबर तक चलेगा। सत्र के लिए सरकार ने 16 विधेयक सूचीबद्ध किए हैं। इनमें 5 नए और बाकी लंबित विधेयक हैं। वक्फ विधेयक और 'एक देश, एक चुनाव' से जुड़े विधेयक भी पेश किए जाएंगे। सत्र के दौरान वक्फ विधेयक और मणिपुर हिंसा पर हंगामे के आसार हैं। कारोबारी गौतम अडाणी का मुद्दा भी उठ सकता है। आइए सत्र से जुड़ी हर बात जानते हैं।
कौन-कौनसे विधेयक पेश किए जाएंगे?
सरकार ने 5 नए विधेयक सूचीबद्ध किए हैं। इनमें से 3 शिपिंग से संबंधित हैं। तटीय शिपिंग विधेयक का उद्देश्य तटीय व्यापार को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यावसायिक जरूरतों के लिए भारतीय नागरिकों के स्वामित्व और संचालन वाले जहाजों को प्रोत्साहित करना है। इसके अलावा भारतीय बंदरगाह विधेयक भी पेश होगा। इसका उद्देश्य बंदरगाहों के संरक्षण, सुरक्षा और प्रदूषण नियंत्रण के उपायों का प्रावधान करना है। मर्चेंट शिपिंग विधेयक, 2024 भी पेश किया जाएगा।
ये विधेयक भी होंगे पेश
सरकार ने पंजाब न्यायालय (संशोधन) विधेयक भी सूचीबद्ध किया है। इससे पंजाब न्यायालय अधिनियम, 1918 की धारा 39(1)(A) में संशोधन किया जाएगा। इससे दिल्ली जिला न्यायालयों के वित्तीय अपीलीय क्षेत्राधिकार को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया जाएगा। इसके अलावा सरकार 2024-25 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों के पहले बैच के लिए भी संसद की मंजूरी लेगी। राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए भी विधेयक पेश किया जाएगा।
11 लंबित विधेयक भी होंगे पेश
फिलहाल 8 विधेयक लोकसभा और 3 राज्यसभा में लंबित हैं। लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक लंबित हैं। इसके अलावा आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधित्व का समायोजन करने से संबंधित विधेयक, रेलवे (संशोधन) विधेयक, समुद्री मार्ग से माल ढुलाई विधेयक 2024 और बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक भी लंबित हैं। राज्यसभा में तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक, बॉयलर विधेयक और भारतीय वायुयान विधेयक लंबित है।
मणिपुर और वक्फ विधेयक पर हंगामे के आसार
वक्फ संशोधन विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए गए थे। इस दौरान विपक्षी पार्टियों ने खूब विरोध किया था। इसके बाद इन विधेयकों को बना चर्चा के संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेज दिया गया था। इस मुद्दे पर दोबारा हंगामा हो सकता है। मणिपुर में दोबारा भड़की हिंसा का मुद्दा भी विपक्ष उठा सकता है। गौतम अडाणी पर लगे रिश्वतखोरी के आरोप भी सदन में हंगामा करा सकते हैं।
'एक देश, एक चुनाव' से जुड़े विधेयक सुचीबद्ध नहीं
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने 'एक देश, एक चुनाव' से संबंधित विधेयक को भी इसी सत्र में लाए जाने के संकेत दिए थे। रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति इस संबंध में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप चुकी है, जिसे मंत्रिमंडल की मंजूरी भी मिल गई है। हालांकि, सरकार ने इससे जुड़े विधेयकों को सूचीबद्ध नहीं किया है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर चुकी है। ऐसे में सरकार के लिए विधेयक पारित करवाना बड़ी चुनौती है।
सर्वदलीय बैठक में क्या-क्या हुआ?
आज (24 नवंबर) को संसद में सर्वदलीय बैठक हुई। इसमें कांग्रेस ने अडाणी समूह पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों पर चर्चा की मांग की। विपक्षी पार्टियों ने मणिपुर, उत्तर भारत में प्रदूषण और रेल दुर्घटनाओं पर भी चर्चा की मांग की है। बैठक में जेपी नड्डा, जयराम रमेश और गौरव गोगोई समेत कई नेता शामिल हुए। संसदीय परंपरा के अनुसार, सरकार विपक्ष को अपने विधायी एजेंडे और बहस के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाती है।