
इंडियन ऑयल खराब खाद्य तेल से बनाएगी विमानों का फ्यूल, रिफाइनरी को मिला प्रमाणन
क्या है खबर?
घर-रेस्टोरेंट में तलने के बाद अक्सर खाना पकाने के तेल को फेंक दिया जाता है। अब इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) इसी से टिकाऊ विमानन ईंधन (SAF) बनाएगी। कंपनी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह साहनी ने बताया इसके लिए रिफाइनरी को प्रमाणन मिल गया है। बता दें कि SAF गैर-पेट्रोलियम फीडस्टॉक्स से बना वैकल्पिक ईंधन है, जो हवाई परिवहन से होने वाले उत्सर्जन को कम करता है। इसे पारंपरिक विमानन टरबाइन ईंधन (जेट ईंधन) में 50 फीसदी तक मिलाया जा सकता है।
उत्पादन
कब शुरू होगा SAF का उत्पादन?
भारत ने 2027 से अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस को बेचे जाने वाले जेट ईंधन में 1 प्रतिशत SAF मिलाना अनिवार्य कर दिया है। अध्यक्ष साहनी ने बताया कि हरियाणा के पानीपत स्थित रिफाइनरी ने इस्तेमाल किए गए खाद्य तेल से SAF बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (ICAO) का ISCC CORSIA प्रमाणन हासिल कर लिया है। वह इसे हासिल करने वाली देश की पहली कंपनी है। इस साल के अंत से रिफाइनरी सालाना 35,000 टन SAF का उत्पादन शुरू कर देगी।
तरीका
ऐसे किया जाएगा SAF का उत्पादन
कंपनी ने बताया कि रिफाइनरी में SAF का उत्पादन 2027 में देश के लिए अनिवार्य एक प्रतिशत मिश्रण की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगा। कंपनी के अध्यक्ष ने कहा कि एजेंसियां बड़े होटल चेन, रेस्टॉरेंट, स्नैक्स और मिठाई बनाने वाली कंपनियों से इस्तेमाल किया हुआ खाना पकाने का तेल इकट्ठा करेंगी और इसकी सप्लाई पानीपत रिफाइनरी को करेंगी। वहां इसका उपयोग SAF का उत्पादन करने के लिए किया जाएगा।