मल्लिकार्जुन खड़गे ने की हिमंत सरमा को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग, जानें कारण
क्या है खबर?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को पद से हटाने की मांग की।
नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने पिछले दिनों सरमा द्वारा एक्स पर साझा किए श्रीमद्भागवत गीता के श्लोक पर उनको घेरा और प्रधानमंत्री के सामने उनको पद से हटाने की मांग की।
खड़गे बोले, "एक व्यक्ति जो मुख्यमंत्री हैं और कांग्रेस से भाजपा में गए हैं, वह आजकल आपके काफी लाडले हैं।"
निशाना
राज्यसभा के सभापति ने खड़गे का बयान रिकॉर्ड से हटाया
खड़गे ने कहा, "ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य की सेवा करना शूद्र का कर्तव्य है। देश का एक मुख्यमंत्री ऐसी भाषा बोलता है, उसे निकाल देना चाहिए। एक व्यक्ति के मन में ये बात है, वो गरीबों के लिए क्या कानून बनाएगा। मैं किसी का नाम नहीं ले रहा।"
इस पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह रिकॉर्ड में नहीं जाएगा। इस पर खड़गे ने कहा कि यह सार्वजनिक है, रिकॉर्ड में क्यों नहीं जा सकता।
बयान
क्या था हिमंत बिस्वा सरमा का बयान?
सरमा ने एक्स पर भगवद गीता के अध्याय 18 के श्लोक 44 को साझा करते हुए असमिया भाषा में लिखा था, 'भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं वैश्यों और शूद्रों के प्राकृतिक कर्तव्यों का वर्णन किया था।'
इसके नीचे वीडियो में श्लोक लिखा था, 'खेती, गाय पालन और वाणिज्य वैश्यों का स्वाभाविक कर्तव्य है और ब्राह्मणों, क्षत्रियों और वैश्यों की सेवा करना शूद्रों का स्वाभाविक कर्तव्य है।'
इस बयान की काफी आलोचना हुई थी। सरमा ने ट्वीट तुरंत हटाकर माफी मांगी थी।
ट्विटर पोस्ट
सुनिए खड़गे ने राज्यसभा में क्या कहा
BJP के एक मुख्यमंत्री कहते हैं -
— Congress (@INCIndia) February 2, 2024
'ब्राह्णण, क्षत्रिय और वैश्य की सेवा करना शूद्र का कर्तव्य है।'
इस देश का जो मुख्यमंत्री ऐसी भाषा बोलता हो, उसे हटा देना चाहिए।
: राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge pic.twitter.com/8zmSgD3alJ