राज्यसभा: SP सांसद जया बच्चन ने उपराष्ट्रपति धनखड़ से क्यों कहा, हम स्कूल के बच्चे नहीं?
संसद के बजट सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी (SP) सांसद जया बच्चन ने एक सवाल छूटने को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के दौरान राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की टिप्पणी पर नाराजगी जताई। उन्होंने मंगलवार को सभापति धनखड़ से कहा कि अगर सदस्यों को कोई मुद्दा समझाया जाता तो उन्हें समझ में आ जाता और वह स्कूली बच्चे नहीं हैं और सभी सांसदों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए। आइए जानते हैं कि ये पूरा मामला क्या है।
क्या है मामला?
मंगलवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान उपसभापति हरिवंश ने सदन की कार्यसूची में सूचीबद्ध 17वें प्रश्न के बाद सीधा 19वां प्रश्न ले लिया। इस पर जया बच्चन और कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हुड्डा समेत अन्य विपक्षी सांसदों ने खड़े होकर आपत्ति जताई। इसके बाद सभापति धनखड़ और सत्तापक्ष के सांसदों ने विपक्षी सासंदों को हाथ हिलाकर अपनी सीट पर बैठने का इशारा किया। जया ने सत्तापक्ष के सांसदों के उन्हें बैठने का इशारा करने पर आपत्ति जताई।
सभापति धनखड़ ने क्या कहा?
विपक्षी सासंदों के हंगामे के दौरान सभापति धनखड़ ने कांग्रेस सांसद हुड्डा से कहा, "आप उनके (जया) के प्रवक्ता नहीं हैं। वह खुद एक बहुत वरिष्ठ सदस्य हैं। आपको उनका समर्थन करने की जरूरत नहीं है। कोई भी प्रश्न छोड़ा नहीं जाएगा।" इसके बाद उन्होंने जया से कहा, "किसी से भी गलती हो सकती है। आप जैसी देश की महान अभिनेत्री ने फिल्मों में कई रीटेक लिए होंगे और आप एक वरिष्ठ सदस्य हैं।"
जया ने उपराष्ट्रपति से क्या कहा?
उपराष्ट्रपति के जवाब में जया ने कहा, "अगर आप या उपसभापति हमें बैठने के लिए कहेंगे तो हम बैठेंगे, लेकिन जब कोई अन्य सदस्य हमें इशारा करके बैठने के लिए कहता है तो हम ऐसा नहीं करेंगे। सवाल करना हमारा अधिकार है। आप हमें बता दीजिए कि ये सवाल नहीं ले सकते। कुछ समस्या है या हम सवाल बाद में लेंगे। हम समझ जाएंगे... लेकिन हम स्कूली बच्चे नहीं हैं। सभी सांसदों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए।"
न्यूजबाइट्स प्लस
आज लोकसभा में आज लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक, 2024 में पेश हुआ। इस विधेयक में परीक्षाओं में अनियमितताओं से संबंधित अपराध के लिए अधिकतम 10 साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। ये विधेयक लोकसभा के पारित हो गया है। अब इसे राज्यसभा में रखा जाएगा। यहां से भी पारित होने के बाद इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। इसके बाद ये केंद्रीय कानून बन जाएगा।