केंद्र सरकार की साल के अंत तक नए आपराधिक कानून लागू करने की योजना- रिपोर्ट
केंद्र सरकार इस साल के अंत तक भारतीय दंड संहिता (IPC), भारतीय न्याय संहिता (CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले तीन विधेयकों के माध्यम से नए आपराधिक कानून लागू करने की योजना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन तीनों नए विधेयकों की जांच वाली समिति जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपने की तैयारी में है। इसके बाद केंद्र दिसंबर में होने वाले शीतकालीन सत्र में इन विधेयकों को संसद में पारित कराने की कोशिश करेगी।
स्थायी समिति प्रस्तावित कानूनों पर 3 महीने में सौंपेगी रिपोर्ट
NDTV की रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को भारतीय न्याय संहिता विधेयक, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक और भारतीय साक्ष्य विधेयक जैसे 3 प्रस्तावित कानूनों को जांच के लिए गृह मामलों की स्थायी समिति के पास भेज दिया है। इसके अलावा सभापति धनखड़ ने समिति को 3 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है। इसी क्रम में विधेयकों पर चर्चा के लिए 24 अगस्त को स्थायी समिति की एक बैठक बुलाई गई है।
समिति की अध्यक्षता कर रहे हैं भाजपा सासंद बृजलाल
NDTV के सूत्रों का कहना है कि इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए स्थायी समिति की लगातार बैंठकें होंगी। उन्होंने कहा कि बाद में दैनिक बैठकों पर भी विचार किया जा सकता है। इस समिति की अध्यक्षता भाजपा के राज्यसभा सांसद और पूर्व पुलिस अधिकारी बृजलाल कर रहे हैं। इन्होंने 2011-12 के बीच उत्तर प्रदेश पुलिस प्रमुख के रूप में कार्य किया है। बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र आमतौर पर दिसंबर में शुरू और खत्म होता है।
गृह मंत्री शाह ने लोकसभा में पेश किये थे तीनों नए विधेयक
11 अगस्त को गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के मानसून सत्र के अंतिम दिन लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक पेश किए गए थे। यह तीनों विधेयक पारित होने के बाद क्रमशः भारतीय दंड संहिता (IPC), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। केंद्र सरकार ने इन पुराने कानूनों में कुल 313 बदलाव करके नए कानून प्रस्तावित किए हैं।
नए विधेयकों में राजद्रोह कानून को किया गया खत्म
केंद्र द्वारा प्रस्तावित नए विधयकों में राजद्रोह के कानून को खत्म कर दिया गया है। इससे पहले IPC की धारा 124A में राजद्रोह का जिक्र था, लेकिन अब नए विधेयक में राजद्रोह का प्रावधान नहीं होगा। हालांकि, नए विधेयक की धारा 150 में राजद्रोह जैसा ही एक प्रावधान होगा, लेकिन इसे एक नया रंग-रूप और नाम दिया गया है। इसके अलावा प्रस्तावित बदलावों में मॉब लिंचिंग जैसे अपराध में 7 साल की सजा लेकर मृत्युदंड का प्रावधान भी है।