
मध्य प्रदेश: मैहर गैंगरेप के आरोपियों के घर पर चला बुलडोजर, पीड़ित बच्ची की हालत गंभीर
क्या है खबर?
मध्य प्रदेश के सतना जिले के मैहर में 11 वर्षीय बालिका के साथ गैंगरेप करने वाले 2 आरोपियों का घर बुलडोजर से तोड़ दिया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश के बाद आज सुबह जिला प्रशासन ने ये कार्रवाई की है।
दूसरी ओर बच्ची की हालत गंभीर बताई जा रही है। खबर है कि बेहतर इलाज के लिए बच्ची को एयरलिफ्ट कर दिल्ली ले जाया जा सकता है।
निर्भया
बच्ची के साथ निर्भया जैसी हैवानियत
बच्ची के साथ गैंगरेप और बर्बरता करने की भी खबर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बच्ची के शरीर पर दांत से काटे जाने के निशान हैं। पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में लाठी डालने की बात भी सामने आई है।
पीड़िता को प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया था। हालत को देखते हुए बाद में पीड़िता को रीवा मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया गया है। फिलहाल पीड़िता का ICU में इलाज चल रहा है।
मंदिर
मैहर शारदा मंदिर के कर्मचारी थे आरोपी
घटना के 24 घंटे के भीतर ही पुलिस ने रवि कुमार और अतुल बढोलिया को गिरफ्तार किया था। कोर्ट में पेशी के बाद दोनों आरोपियों को 10 अगस्त तक जेल भेज दिया गया है।
दोनों आरोपी शारदा देवी मंदिर प्रबंध समिति के कर्मचारी हैं। मामला सामने आने के बाद मंदिर समिति ने दोनों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है।
पुलिस ने दोनों के खिलाफ POCSO समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है।
मामला
क्या है मामला?
बता दें कि पीड़िता गुरुवार दोपहर से ही गायब थी। मोहल्ले के लोग और परिवार वालों ने पूरी रात बच्ची की तलाश की, लेकिन नहीं मिली।
शुक्रवार सुबह पहाड़ी पर एक महिला को बच्ची पड़ी दिखाई दी। महिला ने इसकी सूचना घरवालों को दी। गंभीर हालत में बच्ची को अस्पताल ले जाया गया। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने थाने के सामने प्रदर्शन भी किया। बच्ची की मां और दादा ने पीड़ितों को फांसी देने की मांग की है।
कमलनाथ
कमलनाथ ने की आर्थिक सहायता की मांग
घटना के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा, "प्रदेश में आए दिन बच्चियों के साथ अत्याचार की घटनाओं ने साबित कर दिया है कि शिवराज सरकार बहन-बेटियों को सुरक्षा देने में पूरी तरह नाकाम हो चुकी है। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि बेटी को अच्छे से अच्छा उपचार उपलब्ध कराया जाए और उसे तत्काल एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए।"