मध्य प्रदेश: मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलें, 4 नए चेहरों को मिल सकता है मौका
मध्य प्रदेश में जल्द मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जा सकता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कुछ जातियों की प्रतिनिधित्व की कमी की शिकायतों को दूर करने के लिए अपने मंत्रिमंडल में 4 नए चेहरों को मौका दे सकते हैं। चौहान ने मंगलवार को राज्यपाल मंगुभाई पटेल के साथ मुलाकात की थी, जिसके बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलें तेज हो गई हैं।
जातिगत प्रतिनिधित्व को संतुलित करना चाहती है भाजपा
बतौर रिपोर्ट्स, मध्य प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में कम से कम 4 नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है। इस कदम को सवर्ण और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के नेताओं के प्रतिनिधित्व को संतुलित करने की कोशिश माना जा रहा है। इसके अलावा कुछ मंत्रियों की मंत्रिमंडल से छुट्टी भी की जा सकती है। 2018 से 2020 के बीच 18 महीनों तक सरकार से दूर रही भाजपा सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है।
किन विधायकों को मिल सकती है मंत्रिमंडल में जगह?
भाजपा जातिगत और भौगोलिक संतुलन बनाने के लिए विंध्य और महाकोशल समेत अन्य क्षेत्रों के कुछ विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर विचार कर रही है। बतौर रिपोर्ट्स, विंध्य क्षेत्र की रीवा सीट से विधायक राजेंद्र शुक्ला, महाकोशल के बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन और खरगापुर से राहुल सिंह लोधी उर्फ राहुल भैया को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। बता दें कि 2018 में पहली बार विधायक चुने गए लोधी पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे हैं।
मंत्रिमंडल में फेरबदल के पीछे भाजपा की रणनीति क्या है?
कर्नाटक चुनाव में मिली बड़ी हार के बाद भाजपा मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों में होने वाले चुनावों की तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। पिछले कुछ महीनों में भाजपा के कई कद्दावर नेता अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ मिलकर कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं और ऐसे में भाजपा के सामने अपने विधायकों को एकजुट रखना बड़ी चुनौती है। इसी कारण पार्टी मंत्रिमंडल फेरबदल के जरिए कुछ शिकायतों को दूर करने की कोशिश कर रही है।
भाजपा ने पिछले हफ्ते की थी 39 उम्मीदवारों की घोषणा
भाजपा ने 17 अगस्त को मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 39 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की थी। उम्मीदवारों की पहली सूची में महिलाओं, अनुसूचित जाति और जनजाति के उम्मीदवारों को तरजीह दी गई। इनमें 5 महिला, 8 अनुसूचित जाति और 13 अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार शामिल हैं। भाजपा ने पहली बार चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले अपने उम्मीदवारों की घोषणा की थी ।