
NDA सरकार में पिछली बार के इन मंत्रियों को नहीं मिली जगह, जानिए पूरी सूची
क्या है खबर?
नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के समर्थन के बाद रविवार शाम राष्ट्रपति भवन में लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।
इसके साथ ही नए मंत्रिमंडल में शामिल सदस्यों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली।
इस बार मंत्रिमंडल में जहां कई नए चेहरे नजर आए, वहीं पिछली सरकार में मंत्री रहे 34 नेताओं को इस बार मौका नहीं मिला है। इनमें से कुछ को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है।
मायूसी
इन नेताओं को मंत्रिमंडल में नहीं मिली जगह
नए मंत्रिमंडल में पिछली सरकार में मंत्री रहे सुभाष सरकार, अश्विनी चौबे, स्मृति ईरानी, राजकुमार रंजन, अजय मिश्रा, आरके सिंह, अर्जुन मुंडा, अजय भट्ट, अनुराग ठाकुर, राजीव चंद्रशेखर, निशीथ प्रमाणिक, वीके सिंह, निरंजन ज्योति, जॉन बारला, मीनाक्षी लेखी, रावसाहेब दानवे, कपिल पाटिल, भगवत कराड, फग्गनसिंह कुलस्ते, संजीव बालियान, भानूप्रताप सिंह, दर्शन हरदोश, वी मुरलीधरन, सोम प्रकाश, कैलाश चौधरी, रामेश्वर तेली, कुशल किशोर, सुभाष सरकार, प्रतिमा भौमिक, भारती पंवार, बिश्वेश्वर टुडू, डॉ मुंजापारा और नारायण स्वामी को जगह नहीं मिली है।
जानकारी
हार के कारण कटा इनका नाम
लोकसभा चुनाव में साध्वी निरंजन, आरके सिंह, अर्जुन मुंडा, स्मृति ईरानी, राजीव चंद्रशेखर, निशीथ प्रमाणिक, अजय मिश्रा, सुभाष सरकार, भारती पंवार, राव साहेब दानवे और कपिल पाटिल को हार का सामना करना पड़ा है। इसके कारण उनका मंत्रिमंडल से पत्ता कट गया है।
टिकट
ये पुराने मंत्री टिकट न मिलने के कारण हुए नए मंत्रिमंडल से बाहर
पिछली सरकार में मंत्री रही दिल्ली की पूर्व सांसद मीनाक्षी लेखी को भाजपा ने इस बार के चुनावों में उम्मीदवार नहीं बनाया था।
इसी तरह राजकुमार रंजन सिंह, जनरल वीके सिंह, जॉन बारला और अश्विन चौबे को भी टिकट नहीं दिया गया था। ऐसे में वह मंत्रिमंडल में जगह बनाने से चूक गए।
इसी तरह ठाकुर को मंत्रिमंडल में जगह न मिलने का सबसे बड़ा कारण जेपी नड्डा को मंत्री बनाया जाना माना जा रहा है।
कारण
क्या है अन्य नेताओं का मंत्रिमंडल से नाम कटने का कारण?
अन्य नेताओं का जीत के बाद भी मंत्रिमंडल से नाम कटने का प्रमुख कारण भाजपा का पूर्ण बहुमत हासिल न करना रहा है।
भाजपा चुनाव में 240 सीटें ही जीत पाई थी। ऐसे में उसे सरकार बनाने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के अन्य दलों पर निर्भर होना पड़ा।
इस स्थिति में अन्य दलों को भी मंत्रिमंडल में उचित प्रतिनिधित्व दिए जाने की मजबूरी के कारण पिछली सरकार में मंत्री रहे इन नेताओं का नाम काट दिया गया।
बयान
ठाकुर ने दी नए मंत्रिमंडल को बधाई
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से आम चुनाव जीतने वाले ठाकुर को मंत्रिमंडल में जगह न मिलना सबसे चौंकाने वाला फैसला रहा।
इस संबंध में जब ठाकुर से पूछा गया तो उन्हें सीधा जवाब न देकर नए मंत्रिमंडल को बधाई दे दी।
उन्होंने कहा, "नए मंत्रिमंडल में जिन् नेताओं को स्थान मिला, वो सभी लोग बधाई के पात्र हैं। मैं भाजपा कार्यकर्ता हूं। 5वीं बार सांसद बनना मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है।"
योजना
संगठन में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने इंडिया टुडे से कहा, "जिन पूर्व मंत्रियों को किसी कारणवश इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है, उन्हें पार्टी संगठन में बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है। इसका कारण है कि मंत्रिमंडल के गठन में कई समीकरणों और पहलुओं को ध्यान में रखा जाता है। पार्टी के लिए सभी नेता और कार्यकर्ता महत्वपूर्ण है।"
उन्होंने कहा, "मंत्रिमंडल में जगह बनाने से चूकने वालों को निराश नहीं होना चाहिए।"
शपथ
नए मंत्रिमंडल में 72 मंत्रियों ने ली शपथ
नए मंत्रिमंडल में राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री मोदी सहित 72 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली है।
इसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री मोदी सहित 30 कैबिनेट, 5 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 36 राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई।
कैबिनेट में विभिन्न सामाजिक समूहों से नेतृत्व मिला है, जिनमें से OBC से 27, SC से 10, ST से 5, अल्पसंख्यक समुदाय के 5 और अन्य 18 मंत्री शामिल हैं।