#NewsBytesExplainer: नीतीश कुमार का INDIA गठबंधन से क्यों हुआ मोहभंग?
अटकलें हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर पाला बदल सकते हैं। वे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल होकर दोबारा भाजपा के साथ सरकार बना सकते हैं। कहा जा रहा है कि इसकी पूरी पटकथा लिखी जा चुकी है और किसी भी पल नीतीश मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। सुशील मोदी को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। आइए उन वजहों को जानते हैं, जिनके चलते नीतीश INDIA से नाता तोड़ सकते हैं।
INDIA की बैठक में राहुल गांधी के रवैये से नाराज हुए नीतीश?
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, 13 जनवरी को INDIA गठबंधन की बैठक में सीताराम येचुरी ने संयोजक के तौर पर नीतीश का नाम आगे बढ़ाया था। लगभग सभी नेताओं ने इसका समर्थन किया, लेकिन राहुल गांधी ने कहा कि इसके लिए ममता बनर्जी की मंजूरी लेनी होगी, जो उस वक्त बैठक में नहीं थीं। कहा जा रहा है कि राहुल के हस्तक्षेप को नीतीश ने खुद के अपमान के तौर पर लिया।
INDIA गठबंधन से नाराजगी की और क्या वजहें हैं?
कहा जाता है कि नीतीश INDIA में येचुरी और मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे कुछ नेताओं को महत्व दिए जाने से सहमत नहीं हैं। दरअसल, एक बार बैठक में येचुरी ने सोनिया गांधी के बाद भाषण दिया था। नीतीश कथित तौर पर कांग्रेस के ढीले रवैये से भी परेशान थे। नीतीश का मानना था कि संयोजक का चुनाव और सीटों का बंटवारा बहुत पहले हो जाना चाहिए था, लेकिन कांग्रेस इसे गंभीरता से नहीं ले रही और उसका यात्रा पर ध्यान है।
नीतीश को गठबंधन में नहीं मिला बड़ा पद
INDIA गठबंधन की नींव नीतीश ने ही रखी थी। उन्होंने विपक्षी पार्टियों के नेताओं से बात की और प्रतिद्वंद्वी पार्टियों को एक साथ लाए। पहले चर्चाएं थीं कि नीतीश को गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है, लेकिन ममता ने अचानक से खड़गे का नाम प्रस्तावित कर दिया। इसके बाद नीतीश को संयोजक बनाने को लेकर भी खींचतान हुई। नीतीश स्वाभाविक तौर पर गठबंधन में बड़ा पद चाहते थे, जो उन्हें नहीं मिला।
इन कारणों से RJD से भी बढ़ीं नीतीश की दूरियां
पिछले कुछ महीनों में नीतीश की बिहार की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से भी दूरियां बढ़ी थीं। रिपोर्ट्स के अनुसार, नीतीश चाहते थे कि बिहार विधानसभा को भंग करके लोकसभा चुनाव के साथ ही चुनाव कराए जाएं। हालांकि, RJD इसके लिए तैयार नहीं हुई, जिससे दोनों में दूरियां बढ़ गईं। इसके अलावा नीतीश RJD मंत्रियों के उनसे पूछे बिना फैसले लेने से भी नाराज थे। नीतीश उनके खिलाफ लालू की बेटी की टिप्पणी से भी नाराज हुए।
नीतीश के इस बयान ने दिया दूरियों का संकेत
हाल ही में जब केंद्र सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया तो नीतीश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए सरकार की तारीफ की। इसके बाद उन्होंने कहा था, "आज की तारीख में कुछ लोग अपने परिवार के सदस्यों को आगे बढ़ाने में लगे रहते हैं, जबकि कर्पूरी ठाकुर ने कभी ऐसा नहीं किया।" नीतीश के इस बयान को यादव परिवार पर कटाक्ष के तौर पर देखा गया।
न्यूजबाइट्स प्लस
पहले भाजपा कहती थी कि नीतीश के लिए दरवाजे बंद हो चुके हैं, लेकिन अब पार्टी उन्हें लेने के लिए तैयार दिख रही है। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में जब गृह मंत्री अमित शाह से पूछा गया कि जो पुराने साथी छोड़कर गए हैं (नीतीश कुमार आदि) अगर वापस आना चाहेंगे तो उनके लिए रास्ते खुले हैं, इसके जवाब में उन्होंने कहा, "राजनीति में जो और तो नहीं चलता। किसी का प्रस्ताव होगा तो विचार किया जाएगा।"