NCERT किताबों में 'इंडिया' की जगह लिखा जाएगा 'भारत', समिति ने दी मंजूरी
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की समिति ने अपनी सभी पाठ्यपुस्तकों में 'इंडिया' शब्द हटकार 'भारत' करने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी है। अब नए शैक्षणिक सत्र से NCERT की किताबों में 'इंडिया' शब्द नहीं दिखेगा। यह प्रस्ताव कई महीने पहले समिति के समक्ष रखा गया था, लेकिन अब तक इसे औपचारिक तौर पर मंजूरी नहीं दी गई थी। आइए जानते हैं कि समिति ने और क्या-क्या सिफारिशें की हैं।
NCERT समिति ने और क्या सिफारिश की?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, NCERT समिति ने पाठ्यपुस्तकों में 'प्राचीन इतिहास' की जगह 'शास्त्रीय इतिहास' लिखने की सिफारिश की है। इतिहास को अब प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक में विभाजित नहीं किया जाएगा। समिति ने तर्क दिया है कि ब्रिटिश शासकों ने भारतीय इतिहास को प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक में बांटा है। इससे प्रतीत होता है कि प्राचीन भारत में वैज्ञानिक जागरूकता नहीं थी, जबकि उस दौर में आर्यभट्ट के सौर मंडल पर किये गए कार्यों समेत कई उदाहरण हैं।
हिंदू राजाओं की जीत पर भी दिया जाएगा ध्यान
इसके अलावा समिति ने पाठ्यपुस्तकों में 'हिंदू राजाओं की जीत' के अध्याय जोड़ने और NCERT के सभी विषयों के पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) को शामिल करने की भी सिफारिश की है। समिति के समक्ष रखी गई इन सिफारिशों को सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से मंजूरी दी है। ऐसे में अब जल्द ही NCERT की सभी किताबों में ये बदलाव देखने को मिलेंगे। इन बदलावों के बाद नई किताबों में अब बच्चे इंडिया नहीं, बल्कि भारत पढ़ेंगे।
कांग्रेस ने पूछा- 'इंडिया' नाम से सरकार को इतनी नफरत क्यों
न्यूज 18 से बातचीत में कांग्रेस के नेता और कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने NCERT पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "ये कदम बहुत प्रत्याशित और स्पष्ट था। सरकार देश का नाम बदलने की होड़ में है। देश में बदलाव के नाम पर केवल नाम बदलने की योजनाएं जारी हैं।" उन्होंने कहा, "सरकार को 'इंडिया' नाम से अचानक नफरत क्यों हो गई और उसने 9 साल तक क्यों इंतजार किया?"
देश में पिछले कुछ समय से 'इंडिया' बनाम 'भारत' की बहस
पिछले कुछ समय से देश के 'इंडिया' और 'भारत' नाम को लेकर बहस जारी है। इसकी शुरुआत तब हुई जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित G-20 रात्रिभोज के निमंत्रण 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' की बजाय 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' के नाम से भेजे गए। नाम बदलने का समर्थन करने वालों का कहना है कि 'इंडिया' नाम अंग्रेजों का दिया हुआ है, हालांकि ऐतिहासिक तौर पर ये तथ्य गलत है। संविधान के अनुच्छेद 1(1) में हमारे देश का नाम 'इंडिया, अर्थात भारत' है।
विपक्षी गठबंधन के INDIA नाम रखने से है पूरी बहस का संबंध
इंडिया बनाम भारत की बहस की जड़ राजनीति में है। दरअसल, कांग्रेस समेत देश की प्रमुख 28 विपक्षी पार्टियों ने आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) का मुकाबला करने के लिए गठबंधन किया है। इसे उन्होंने 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायन्स' यानी 'INDIA' दिया है। इसके बाद से ही देश में भारत बनाम इंडिया की बहस तेज है और भाजपा सरकार ने आधिकारिक कार्यों में भारत नाम का इस्तेमाल करना शुरू किया है।