उत्तर प्रदेश: कोरोना वायरस महामारी के बीच हो रहे पंचायत चुनाव में 577 शिक्षकों की मौत
कोरोना वायरस महामारी की दूसरी और बेहद भयंकर लहर के बीच हो रहे उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव को रद्द करने की मांग कई बार उठ चुकी है। अब एक ऐसा आंकड़ा सामने आया है जो दर्शाता है कि महामारी के बीच कराए जा रहे इस चुनाव की कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। राज्य के एक बड़े शिक्षक महासंघ के अनुसार, पंचायत चुनाव की ड्यूटी पर लगाए गए लगभग 577 शिक्षकों और सहायक स्टाफ की मौत हो गई है।
शिक्षक महासंघ ने कहा- 71 जिलों में हुई 577 शिक्षकों की मौत
उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ (UPSM) के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि वे चुनाव आयोग को 577 ऐसे शिक्षकों और सहयोगी स्टाफ की सूची दे चुके हैं जिनकी चुनावी ड्यूटी या इसके बाद कोरोना संक्रमण जैसे लक्षणों से मौत हो गई। इंडिया टुडे से बात करते हुए शर्मा ने कहा कि ये 71 जिलों की सूची है और कई जिलों से अभी भी शिक्षकों के स्वास्थ्य की सूचना आना बाकी है।
चुनाव आयोग ने महामारी को गंभीरता से नहीं लिया- शर्मा
शर्मा ने कहा, "स्थिति बहुत नाजुक है। मामलों में बड़ी वृद्धि के बाद संघ 12 अप्रैल को चुनाव आयोग से चुनावों को रद्द करने की मांग कर चुका है।" मतगणना को स्थगित करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षकों को मतगणना वाले दिन ड्यूटी का बहिष्कार करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा, "चुनावा ड्यूटी के कारण लाखों लोगों को कोविड-19 के श्राप का सामना करना पड़ा है, लेकिन चुनाव आयोग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया है।"
मामले में चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर चुका है हाई कोर्ट
बता दें कि कल ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चुनावी ड्यूटी पर तैनात 135 शिक्षकों, शिक्षामित्रों और जांचकर्ताओं की कोरोना जैसे लक्षणों के कारण मौत के मामले में राज्य चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था। नोटिस में आयोग से पूछा गया था कि वह पंचायत चुनाव के दौरान कोविड गाइडलाइंस का उल्लंघन रोकने में नाकाम क्यों रहा। आयोग से यह भी पूछा गया था कि उसके और उसके अधिकारियों के खिलाफ क्यों कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।
शिक्षक संगठनों ने की है मतगणना को टालने की मांग
मामले में कई बड़े शिक्षक संगठनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा है और 2 मई को होने वाली मतगणना को टालने का अनुरोध किया है। संगठनों ने चुनावी ड्यूटी पर मारे गए शिक्षकों के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग भी की है। उन्होंने शिक्षकों के साथ शिक्षकों के 400 से अधिक परिजनों की कोरोना वायरस से मौत का दावा भी किया है।
उत्तर प्रदेश में 15 अप्रैल से शुरू हुए थे पंचायत चुनाव, आज आखिरी चरण
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 15 अप्रैल से पंचायत चुनाव शुरू हुए थे और आज अंतिम दौर के चुनाव की वोटिंग हो रही है। इस चुनाव में शिक्षकों समेत राज्य सरकार के दो लाख से अधिक कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई।
उत्तर प्रदेश में क्या है कोरोना वायरस महामारी की स्थिति?
उत्तर प्रदेश कोरोना संक्रमण की दूसरी और बेहद भीषण लहर का सामना कर रहा है। बुधवार को यहां 29,824 नए मामले सामने आए और 266 मरीजों की मौत हुई। ये राज्य में कोरोना के कारण एक दिन में हुई सबसे अधिक मौतें हैं। राज्य में अब तक कुल 11,82,848 लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है, वहीं 11,943 लोगों की मौत हुई है। सक्रिय मामलों की संख्या 3,00,041 है। राज्य सरकार पर मौतों को छिपाने का आरोप लग रहा है।