संसद का शीतकालीन सत्र कल से होगा शुरू, 16 विधेयक किए जाएंगे पेश
कल यानि 7 दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होगा जो 29 दिसंबर तक चलेगा। 23 दिन तक चलने वाले इस सत्र के दौरान कुल 17 दिन काम होगा, वहीं बाकी दिन छुट्टी रहेगी। इस दौरान कुल 16 विधेयक संसद के दोनों सदनों में पेश किए जाएंगे। सत्र से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सरकार ने आज एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई जिसमें कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (TMC) समेत कई विपक्षी पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
सत्र में कौन-कौन से विधेयक पेश किए जाएंगे?
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, केंद्र सरकार इस सत्र में राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक पेश करेगी जिसका मकसद एक राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग बनाना और दंत चिकित्सक अधिनियम, 1948 को खत्म करना है। इसके अलावा वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, राष्ट्रीय नर्सिंग एवं मिडवाइफरी आयोग विधेयक, बहु-राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक, छावनी विधेयक, जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक और पुराना अनुदान (विनियम) विधेयक भी पेश किए जाएंगे। कांग्रेस जैविक विविधिता, बहु-राज्य सरकारी समितियां और वन संरक्षण के विधेयकों का विरोध करेगी।
महंगाई, बेरोजगारी और चीन के साथ सीमा विवाद पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
विपक्ष ने भी सत्र के लिए अपनी योजना बना ली है और वह महंगाई, बेरोजगारी, चीन के साथ सीमा विवाद और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग जैसे मुद्दों पर सरकार को घेर सकती है। कांग्रेस ने कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करने और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (EWS) को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग उठाने का ऐलान किया है। इसके अलावा वह जातीय जनगणना और संवैधानिक संस्थाओं के कामकाज में दखल का मुद्दा भी उठाएगी।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का पहला सत्र, नई संसद में आखिरी सत्र
दिलचस्प तथ्यों की बात करें तो यह राज्यसभा सभापति के तौर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का यह पहला सत्र होगा और वो 7 दिसंबर को पहली बार सभापति की कुर्सी पर बैठेंगे। इसके विपरीत यह संसद की पुरानी इमारत में होने वाला अंतिम सत्र होगा और अगले सत्र से नई संसद में कार्यवाही होगी। नई संसद को 20,000 करोड़ रुपये की सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत बनाया गया है और इसमें 1,224 सांसदों के बैठने की जगह होगी।
सत्र के दौरान लागू नहीं रहेंगी कोविड संबंधी पाबंदियां
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संसद के इस सत्र में कोविड संबंधी बड़ी पाबंदियां हटाई जा सकती हैं। देश में कोरोना वायरस के मामलों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है और ज्यादातर सांसद और संसद स्टाफ वैक्सीन लगवा चुके हैं, ऐसे में इन पाबंदियों का खास मतलब नहीं रह जाता। मार्च, 2020 में महामारी की शुरूआत के बाद यह बिना पाबंदियों के पहला सत्र होगा। महामारी के कारण कुछ सत्र तो पूरी तरह रद्द हो गए थे।
कैसा रहा था संसद का पिछला सत्र?
संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई को शुरू होकर 8 अगस्त को खत्म हुआ था। सत्र में कुल 16 दिन काम हुआ था। इस दौरान लोकसभा में छह नए विधेयक पेश किए गए, वहीं सात विधेयक सदन से पारित हुए। राज्यसभा से कुल पांच विधेयक ही पारित हुए। एक विधेयक को वापस ले लिया गया था। सत्र के दौरान विपक्ष ने महंगाई आदि मुद्दों पर जमकर हंगामा किया था, जिसके कारण कुछ सांसदों को निलंबित भी कर दिया गया था।