पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी ने किया अमर्त्य सेन के आवास के बाहर धरने का आह्वान
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख ममता बनर्जी ने अपनी सरकार के मंत्रियों से बीरभूम जिले के शांति निकेतन में स्थित नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के आवास के बाहर धरना देने का आह्वान किया है।
दरअसल, हाल ही में केंद्रीय विश्वविद्यालय विश्वभारती ने दावा किया है कि सेन का आवास उसकी जमीन पर कब्जा कर बनाया गया था, जिसे खाली करने के लिए 15 दिनों का नोटिस दिया गया है।
आइए पूरा मामला जानते हैं।
निर्देश
ममता ने अपने मंत्रियों को दिए निर्देश
ममता ने कैबिनेट बैठक के दौरान MSME मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा, शिक्षा मंत्री ब्रत्य बासु और शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम समेत तृणमूल कांग्रेस (TMC) विधायकों को धरने में शामिल होने के लिए कहा है।
ममता ने उनसे कहा कि अगर केंद्रीय विश्वविद्यालय के अधिकारी जमीन पर कब्जा करने के लिए बुलडोजर भी भेजते हैं तो भी वे मौके से नहीं हटेंगे।
उन्होंने धरना प्रदर्शन में लोक कलाकारों को शामिल करते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने के भी निर्देश दिए हैं।
आदेश
विश्वभारती ने अमर्त्य सेन को भेजा था नोटिस
विश्वभारती ने 19 अप्रैल को सेन को बेदखली का नोटिस भेजा था, जिसमें उन्हें 6 मई तक अपने आवास की 1.38 एकड़ भूमि में से 13 डिसिमल भूमि खाली करने के लिए कहा था।
विश्वविद्यालय का दावा है कि सेन के पास शांति निकेतन परिसर में 1.38 एकड़ जमीन है जो उनके 1.25 एकड़ के कानूनी अधिकार से अधिक है।
सेन ने पहले दावा किया था कि परिसर में मौजूद अधिकांश जमीन को उनके पिता ने बाजार से खरीदा था।
विश्वविद्यालय
रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी विश्व भारती की स्थापना
गौरतलब है कि विख्यात लेखक और नोबेल पुरस्कार विजेता और रवींद्रनाथ टैगोर ने विश्व भारती की स्थापना की थी। यह पश्चिम बंगाल का एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके कुलाधिपति हैं।
वर्ष 1947 में स्वतंत्रता के तुरंत बाद विश्वभारती को संसद के एक अधिनियम द्वारा 1951 में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया था।
यह विश्वविद्यालय कोलकाता से करीब 170 किलोमीटर दूर बीरभूम जिले के शांतिनिकेतन में स्थित है।
परिचय
न्यूजबाइट्स प्लस
अमर्त्य सेन को 1998 में अर्थशास्त्र के नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें 1999 में वेलफेयर इकोनॉमिक्स के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत रत्न से भी नवाजा गया था।
वहीं अमर्त्य सेन कुछ वर्षों तक विश्वभारती के कुलपति भी रह चुके हैं।
गौरतलब है कि सेन को ममता का करीबी माना जाता है। उन्होंने एक बार ममता बनर्जी को प्रधानमंत्री पद के लिए योग्य उम्मीदवार बताया था।