#NewsBytesExplainer: मुख्तार अंसारी का राजनीतिक और आपराधिक इतिहास और उसे किस मामले में हुई उम्रकैद?
गैंगस्टर से राजनेता बने मुख्तार अंसारी को 32 साल पुराने हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। वाराणसी की एक विशेष सांसद-विधायक कोर्ट ने अंसारी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में बाहुबली के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले अंसारी के खिलाफ हत्या, अपहरण और जबरन वसूली समेत अन्य आपराधिक गतिविधियों के 60 से अधिक मामले दर्ज हैं। आइए उसके राजनीतिक और आपराधिक जीवन पर नजर डालते हैं।
मुख्तार ने छात्र नेता के तौर पर शुरू की थी राजनीति
अंसारी ने 1990 के दशक की शुरुआत में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के छात्र संघ नेता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। इसके बाद वह 1996 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर पहली बार मऊ सीट से विधायक के रूप में चुना गया। अंसारी ने कुछ ही समय में अपने राजनीतिक कद को मजबूत कर लिया और पूर्वांचल क्षेत्र के एक बड़े बाहुबली नेता के तौर पर अपनी पहचान बना ली।
मऊ से लगातार 5 बार विधायक चुना गया था अंसारी
अंसारी 1996 से 2017 तक लगातार 5 बार मऊ सीट से विधायक चुना गया। उसने पहला चुनाव बसपा के टिकट पर लड़ा था, जबकि अगले दो चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़े। अंसारी ने 2012 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अपनी पार्टी कौमी एकता दल के चिह्न पर लड़ा। 2016 में बसपा में लौटे अंसारी ने 2017 चुनाव में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार को हराया। मुख्तार ने 3 चुनाव जेल में रहते हुए लड़े और जीते।
कई बार बसपा से बाहर निकाला गया अंसारी
अंसारी वर्षों तक बसपा में रहा और आपराधिक गतिविधियों के कारण उसे कई बार पार्टी से निकाला गया। अंसारी अपने भाई अफजाल अंसारी के साथ 2007 में बसपा में शामिल हुआ था और उसने जेल में बंद रहते हुए 2009 लोकसभा चुनाव लड़ा। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अंसारी को 2010 में पार्टी से निकाल दिया, जिसके बाद उसने कौमी एकता दल का गठन किया। 2016 में अंसारी दोबारा बसपा में शामिल हो गया। अभी वह सुहेलदेव समाज पार्टी में है।
मुख्तार को किस मामले में हुई है उम्रकैद की सजा?
मुख्तार को कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अजय राय के भाई अवधेश राय की हत्या के मामले में दोषी पाया गया है। अवधेश राय की 3 अगस्त, 1991 को वाराणसी में उनके भाई के घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस समय मुख्तार विधायक नहीं था। अजय राय ने मुख्तार के अलावा भीम सिंह, राकेश न्यायिक, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम और 2 अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई थी।
क्या अंसारी को अन्य किसी मामले में भी सजा हुई है?
मुख्तार को अप्रैल में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में भी गैंगस्टर एक्ट के तहत 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। 29 नवंबर, 2005 को कृष्णानंद एक क्रिकेट कार्यक्रम का उद्घाटन कर लौट रहे थे, तभी उनकी गाड़ी को चारों तरफ से घेरकर अंधाधुंध फायरिंग की गई, जिसमें कार सवार राय समेत सभी 7 लोगों की मौत हो गई। हत्याकांड के वक्त अंसारी जेल में बंद था और उसे भी आरोपी बनाया गया था।
और किन बड़े मामलों में आरोपी है अंसारी?
अंसारी को 1988 में गाजीपुर के एक स्थानीय ठेकेदार सच्चिदानंद राय की हत्या के बाद एक बड़े अपराधी के तौर पर पहचान मिली थी। अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी त्रिभुवन सिंह के भाई और हेड कांस्टेबल राजेंद्र सिंह की हत्या में भी अंसारी का नाम आया था। अंसारी 1997 में पूर्वांचल के सबसे बड़े कोयला व्यवसायी रुंगटा के अपहरण में भी शामिल रहा। अंसारी पर हत्या के एक मामले में मुख्य गवाह धर्मेद्र सिंह पर जानलेवा हमला करवाने का भी आरोप है।
अंसारी के खिलाफ दर्ज हैं 60 से अधिक मामले
उत्तर प्रदेश में अंसारी के खिलाफ 60 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें अधिकांश गाजीपुर से संबंधित हैं। कई मामलों पर पिछले कई वर्षों से सुनवाई चल रही है। 2005 में मऊ में भीषण दंगे भड़के थे, जिसका आरोप अंसारी पर लगा था। इस दौरान उसकी खुली जीप में AK-47 के साथ घूमते हुए की तस्वीर वायरल हुई थी। मुख्तार ने इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। वह अभी पंजाब की जेल में बंद है।