राज्यसभा की 16 सीटों के लिए चुनाव कल, जानिये किस राज्य में क्या समीकरण
राज्यसभा की 57 सीटों के लिए नए उम्मीदवारों का चुनाव जारी है। अभी तक आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु समेत 11 राज्यों से 41 उम्मीदवार निर्विरोध चुने जा चुके हैं, लेकिन हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक और महाराष्ट्र में स्वतंत्र उम्मीदवारों की एंट्री, पार्टियों की रणनीतियों और फैसलों ने चुनाव रोचक बना दिया है। इसके चलते महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक और राजस्थान की 16 सीटों पर 10 जून को चुनाव होगा। आइये, उसके समीकरण समझने की कोशिश करते हैं।
सबसे पहले बात राजस्थान की
राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटें हैं, लेकिन यहां से पांच उम्मीदवार मैदान में हैं और हर उम्मीदवार को जीत के लिए 41 वोट चाहिए। यहां की कुल 200 विधानसभा सीटों में से 108 पर कांग्रेस के विधायक हैं, जबकि 71 पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। इस परिदृश्य में कांग्रेस दो और भाजपा एक सीट आसानी से जीत सकती है, लेकिन कांग्रेस ने यहां पर तीन उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं भाजपा ने एक उम्मीदवार खड़ा किया है।
कई बड़े नाम मैदान में
कांग्रेस ने जहां रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को उम्मीदवार बनाया है, वहीं भाजपा ने घनश्याम तिवाड़ी को मैदान में उतारा है। भाजपा ने यहां स्वतंत्र उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को भी समर्थन देने का फैसला किया है। ऐसे में कांग्रेस को तीसरे उम्मीदवार को जिताने के लिए 15 अतिरिक्त और भाजपा को चंद्रा को जिताने के लिए 11 अतिरिक्त वोटों की जरूरत होगी और यहीं से यह मुकाबला रोचक बन गया है।
हरियाणा में भी ऐसी स्थिति
हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटों के लिए तीन उम्मीदवार मैदान में हैं और प्रत्येक को जीत के लिए 31 वोट चाहिए। 90 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 31 विधायक हैं। ऐसे में अगर एक भी वोट इधर-उधर होता है तो कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन के लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी। दूसरी तरफ भाजपा के पास 40 विधायक हैं और उसने कृष्ण लाल पंवार को उम्मीदवार बनाया है, वहीं पार्टी कार्तिकेय शर्मा को भी समर्थन दे रही है।
सुभाष चंद्रा और कार्तिकेय शर्मा मीडिया की बड़ी हस्तियां
सुभाष चंद्रा जी मीडिया के प्रमुख हैं और वो पहले भी भाजपा के समर्थन से राज्यसभा जा चुके हैं। वहीं कार्तिकेय शर्मा न्यूज एक्स के मालिक हैं। उनके पिता विनोद शर्मा हरियाणा में कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं।
कर्नाटक में क्या समीकरण?
कर्नाटक में राज्यसभा की चार सीटों के लिए छह उम्मीदवार मैदान में है और प्रत्येक को 45 वोट चाहिए। विधानसभा की 224 सीटों में कांग्रेस के पास 70, भाजपा के पास 121 और जनता दल (सेकुलर) के पास 32 सीटें हैं। यहां कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही अपने विधायकों की संख्या के हिसाब से एक-एक अतिरिक्त उम्मीदवार मैदान में उतारा है। ऐसे में यहां मुकाबला रोचक हो गया है और पार्टियों को क्रॉस वोटिंग का खतरा लग रहा है।
निर्मला सीतारमण कर्नाटक से मैदान में
कांग्रेस ने कर्नाटक से जयराम रमेश और मंसूर अली खान, भाजपा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, अभिनेता जग्गेश और लहर सिंह सिरोया को उम्मीदवार बनाया है। वहीं रियल एस्टेट के कारोबार से जुड़े डी कुपेंद्र रेड्डी को जनता दल (सेकुलर) ने मैदान में उतारा है।
महाराष्ट्र की क्या स्थिति?
महाराष्ट्र में छह सीटों पर सात उम्मीदवार हैं और हर एक को जीत के लिए 42 विधायकों के वोटों की जरूरत है। 288 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के पास 106, शिवसेना के पास 55, कांग्रेस के पास 44, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पास 53 (इनमें से दो जेल में हैं) विधायक हैं। निर्दलीय और छोटी पार्टियों के पास कुल 29 वोट हैं। यहां भाजपा ने तीन, शिवसेना ने दो, कांग्रेस और NCP ने एक-एक उम्मीदवार उतारा है।
महाराष्ट्र से ये प्रत्याशी मैदान में
भाजपा ने महाराष्ट्र से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अनिल बोंदे और धनंजय महादिक, शिवसेना ने संजय राउत और संजय पवार, NCP ने पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल पटेल और कांग्रेस ने इमरान प्रतापगढ़ी को राज्यसभा सीट के लिए उम्मीदवार बनाया है।
कैसे होता है राज्यसभा सदस्यों का चुनाव?
राज्यसभा चुनाव में लोग खुद वोट नहीं डालते बल्कि लोगों के चुने विधायक उनका चुनाव करते हैं। इस तरीके से राज्यसभा सांसदों के चुनाव में जनता की अप्रत्यक्ष भागेदारी होती है। वोटिंग के वक्त हर विधायक को एक सूची दी जाती है, जिसमें उसे राज्यसभा प्रत्याशियों के लिए अपनी पहली, दूसरी और तीसरी पसंद लिखनी होती है। इसके बाद एक फॉर्मूले की मदद से तय किया जाता है कि किस प्रत्याशी को जीत मिली है।
यह होता है फॉर्मूला
किसी प्रत्याशी को राज्यसभा सीट जीतने के लिए कितने विधायकों का वोट चाहिए, इसके लिए राज्य की कुल विधानसभा सीटों में जितनी सीटों पर राज्यसभा चुनाव होना है उससे एक अधिक से भाग देते हैं और जो फल आता है उसमें एक जोड़ देते हैं।
उदाहरण के जरिए समझें फॉर्मूला
उदाहरण के तौर पर अगर एक राज्य में 400 विधानसभा सीटें हैं और तीन राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होना है तो 400 में 3+1 यानि 4 से भाग देंगे। इसका नतीजा 100 आएगा, जिसमें एक जोड़ने पर 101 आएगा, जो इस राज्य में राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए जरूरी विधायकों के वोटों की संख्या है। जब किसी भी प्रत्याशी को पहली पसंद के 101 वोट नहीं मिलते तो दूसरी पसंद के वोटों की गिनती की जाती है।