
महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के लिए लेनी होगी अनुमति
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में मस्जिदों में लाउडस्पीकर पर तेज आवाज में नमाज (अजान) पढ़ने को लेकर चल रहे विवाद के बीच महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है।
अब राज्य में धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर लगाने से पहले राज्य सरकार से अनुमति लेना जरूरी होगा। महाराष्ट्र के गृह विभाग ने लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर कोर्ट के आदेशों को लागू करने का फैसला किया है।
इस संबंध में सरकार की ओर से जल्द ही विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।
बैठक
गृह मंत्री पाटिल ने की DGP के साथ बैठक
मामले में महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने रविवार को पुलिस महानिदेशक (DGP) के साथ बैठक कर सभी पुलिस आयुक्तों और अधिकारियों को सरकार के नए फैसले से अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।
हालांकि, सोमवार को लाउडस्पीकर विवाद पर गृह मंत्री पाटिल राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ मुलाकात कर कानून व्यवस्था पर भी चर्चा करेंगे। इसके बाद धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के संबंध में रूपरेखा तैयार की जाएगी।
बयान
राज्य में शांति भंग करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई- गृह मंत्री
DGP के साथ बैठक के बाद गृह मंत्री पाटिल ने कहा, "हम कानून-व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। किसी को भी राज्य का सौहार्द नहीं बिगाड़ने दिया जाएगा। राज्य में शांति भंग करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
आदेश
नासिक में 3 मई तक लेनी होगी लाउडस्पीकर की अनुमति- कमिश्नर
इधर, नासिक पुलिस ने लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की अनुमति लेने के आदेश पहले ही जारी कर दिए हैं।
पुलिस कमिश्नर दीपक पांडे ने कहा, "हनुमान चालीसा और भजन के लिए भी 3 मई तक अनुमति लेनी पड़ेगी। अजान से 15 मिनट पहले या बाद में इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी।किसी भी मस्जिद के 100 मीटर के दायरे में भी ऐसा करने की मंजूरी नहीं मिलेगी। इस आदेश का उद्देश्य शहर में कानून व्यवस्था को बनाए रखना है।"
तैयारी
सोशल मीडिया पोस्ट पर भी रखी जा रही है नजर- कमिश्नर
कमिश्नर पांडे ने कहा, "3 मई के बाद अगर कोई बिना अनुमति के धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर बजाता पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कानून सबसे के लिए समान है।"
वहीं मुंबई पुलिस के अनुसार राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाले सोशल मीडिया पोस्ट्स पर नजर रखने के लिए सोशल मीडिया लैब को सक्रिय कर दिया गया है। पुलिस के अनुसार अभी तक 3,000 पोस्ट को डिलीट किया गया है।
पृष्ठभूमि
कैसे हुई थी अजान बनाम हनुमान चालीसा विवाद की शुरुआत
बता दें महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने 2 अप्रैल को शिवाजी पार्क में एक रैली में कहा था, "मस्जिदों में लाउडस्पीकर इतनी तेज आवाज में क्यों बजाए जाते हैं? अगर इसे नहीं रोका गया तो हम मस्जिदों के बाहर लाउडस्पीकर लगाकर तेज आवाज में हनुमान चालीसा बजाने लगेंगे।"
उन्होंने यह भी कहा था, "मैं प्रार्थना या किसी विशेष धर्म के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन मुझे अपने धर्म पर गर्व है और लाउडस्पीकरों को बंद किया जाना चाहिए।"
परिणाम
MNS कार्यकर्ताओं ने लाउडस्पीकर पर बजाई थी हनुमान चालीसा
राज ठाकरे की चेतावनी के बाद MNS कार्यकर्ताओं ने लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाना शुरू कर दिया। इस पर पुलिस ने उन पर कार्रवाई करते हुए जुर्माना कर दिया।
इसके बाद 10 अप्रैल को MNS कार्यकर्ताओं ने कल्याण स्थित शिवसेना के मुख्यालय के बाहर लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजा दी।
इसको लेकर पुलिस ने MNS नेता यशवंत किल्लेकार सहित दो लोगों को हिरासत में लिया था तथा लाउडस्पीकर को जब्त कर लिया था।
चेतावनी
MNS प्रमुख ने 3 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की चेतावनी दी
मामले में रविवार को MNS प्रमुख राज ठाकरे ने कहा, "देश के मुस्लिमों को समझना चाहिए कि धर्म, कानून और देश से बड़ा नहीं है। हम महाराष्ट्र में दंगे नहीं चाहते हैं। प्रार्थना करने से कोई मना नहीं कर रहा है। हम चाहते हैं कि अवैध तौर से मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर को हटाया जाना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "3 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाए गए तो वह उनके बाहर लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।"