हरियाणा: 5वीं और 8वीं कक्षाओं में नहीं होंगीं बोर्ड परीक्षाएं, राज्य सरकार ने टाला फैसला
क्या है खबर?
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ऐलान किया है कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (BSEH) के स्कूलों में पांचवीं और आठवीं की बोर्ड की परीक्षाएं नहीं होंगी।
इससे पहले हरियाणा सरकार ने 18 जनवरी, 2022 को पांचवीं और आठवीं की परीक्षाओं को बोर्ड की परीक्षा में बदलने की घोषणा की थी।
इस फैसले के बाद अभिभावकों और छात्रों की तरफ से जमकर विरोध हो रहा था और सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग हो रही थी।
बोर्ड परीक्षाएं
अगले सत्र से आयोजित की जाएंगी पांचवीं और आंठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं- खट्टर
खट्टर ने एक अधिकारिक आदेश में सोमवार को कहा, "एक साल के लिए पांचवीं और आंठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं नहीं होंगी। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और हरियाणा बोर्ड दोनों की परीक्षाएं टाली गई हैं। इस साल पांचवीं और आठवीं कक्षा के लिए बोर्ड की परीक्षाएं नहीं होंगी।"
हालांकि, उन्होंने इसके आगे यह भी कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से पांचवीं और आंठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी।
संशोधन
हरियाणा के किस कानून में हुआ था संशोधन?
जनवरी में पांचवीं और आठवीं कक्षाओं के लिए बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन के निर्णय की जानकारी देते हुए हरियाणा के शिक्षा मंत्री चौधरी कंवर पाल ने कही था कि इस ऐतिहासिक निर्णय से शिक्षा प्रणाली में उच्च स्तरीय सुधार होगा।
उन्होंने अपने बयान में कहा था, "हरियाणा कैबिनेट ने बच्चों के निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार नियम, 2011 में संशोधन पारित किया है और इसमें नए नियम जोड़े हैं, जो तुरंत प्रभावी हो जाएंगे।"
मतलब
जूनियर स्तर पर बोर्ड परीक्षाओं का कोई मतलब नहीं- अभिभावक
इस फैसले के खिलाफ गुरुग्राम में अभिभावकों ने विरोध-प्रदर्शन किया था। अभिभावकों ने ABP न्यूज से कहा कि जूनियर स्तर पर बोर्ड परीक्षाओं का कोई मतलब नहीं है, जब बच्चे समझते ही नहीं है कि बोर्ड परीक्षाएं होती क्या हैं।
वहीं, कुछ ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण स्कूल बंद थे, अब वह ऑनलाइन कक्षाओं के बाद ऑफलाइन कक्षाएं कर रहे हैं। वह स्थिति को संभाल नहीं पा रहे हैं, ऐसे में बोर्ड परीक्षाओं से उनका तनाव बढ़ेगा।
याचिका
हाई कोर्ट में दायर हो चुकी है याचिका
NDTV के मुताबिक हरियाणा सरकार के इस फैसले को लेकर हरियाणा के स्कूलों के संगठनों ने 9 फरवरी, 2022 को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। याचिका में बोर्ड परीक्षा लेने के निर्णय को चुनौती दी गई थी।
इस मामले में 10 फरवरी को सुनवाई हुई थी जिसमें हाई कोर्ट ने 4 अप्रैल को होने वाली अपनी सुनवाई तक फैसला सुरक्षित रखने की बात कही थी।