4 राज्यों को मिल सकती है हीटवेव से राहत, IMD ने लगाया बारिश का अनुमान
क्या है खबर?
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित अधिकतर राज्य इस समय भीषण गर्मी और हीटवेव (गर्म हवा या लू) से जूझ रहे हैं।
कई राज्यों में तापमान 44 डिग्री से अधिक पहुंच गया है। इससे इंसानों सहित जानवर भी बेहाल हैं।
इसी बीच भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में 2 से 4 मई तक बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान लगाया है। इससे इन राज्यों में हीटवेव से राहत मिल सकती है।
पृष्ठभूमि
सात राज्यों के लिए जारी किया जा चुका है येलो अलर्ट
बता दें कि IMD ने पश्चिमी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और झारखंड के लिए 29 अप्रैल से 1 मई तक भीषण गर्मी और हीटवेव का येलो अलर्ट जारी कर रखा है।
IMD के अनुसार, इन राज्यों में इस अवधि में तापमान में तेजी से बढ़ोतरी होगी और हीटवेव का खतरा रहेगा।
विभाग ने दिल्ली के तापमान में 0.5-1 डिग्री की बढ़ोतरी और हरियाणा में तापमान में 46 डिग्री तक पहुंचने का अनुमान लगाया है।
राहत
बारिश के कारण गर्मी से मिलेगी राहत- जेनामणि
IMD के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने बताया कि 4 मई को अंडमान सागर में एक चक्रवाती परिसंचरण तंत्र विकसित होगा जिसके बाद 5 मई को निम्न दबाव का क्षेत्र बनेगा और इसके प्रभाव में अधिकतम तापमान में गिरावट की संभावना है।
उन्होंने बताया कि 2 से 4 मई के बीच राजस्थान, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। तापमान के गिरावट के साथ 36 और 39 डिग्री पहुंचने की उम्मीद है।
गिरावट
इन राज्यों के तापमान में आ चुकी है गिरावट
जेनामणि ने बताया कि पूर्वी भारत के ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड आदि राज्यों के तापमान में पहले से ही गिरावट आना शुरू हो गया है। इससे लोगों को गर्मी और हीटवेव से राहत मिली है।
उन्होंने बताया कि झारसुगुडा, संबलपुर, बलांगीर और अंगुल (ओडिशा में) जैसे क्षेत्रों में गुरुवार को अधिकतम तापमान 44 डिग्री दर्ज किया गया था, लेकिन अब गिरावट शुरू हो गई है और शनिवार से तापमान में और अधिक गिरावट आना शुरू हो जाएगा।
सवाल
क्या होती है हीटवेव?
IMD के अनुसार, तापमान में वृद्धि और मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री, पहाड़ी क्षेत्रों में 30 डिग्री और तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री से अधिक होने पर संबंधित इलाकों को हीटवेव की चपेट में माना जाता है।
इसी तरह जब किसी इलाके में तापमान सामान्य से 4.5 से छह डिग्री ऊपर पहुंचता है तो हीटवेव क्षेत्र घोषित किया जाता है। इस दौरान इन इलाकों में तेज गर्मी के साथ गर्म हवाओं के थपेड़े लोगों को बेहाल करते हैं।
कारण
क्या है तापमान में बढ़ोतरी का कारण?
IMD के अनुसार, यदि उत्तर-पश्चिमी भारत से गर्म और शुष्क हवाएं चलती हैं तो आसमान साफ रहता है।
इसी तरह यदि नमी में गिरावट होती है तो तापमान में बढ़ोतरी हो जाती है। इसके कारण कुछ दिनों के लिए कुछ इलाकों में हीटवेव गंभीर स्तर पर पहुंच जाती है।
इसके अलावा बढ़ता तापमान सौर विकिरण में वृद्धि और मध्य-पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों पर एक उच्च दबाव क्षेत्र का कारण भी रहता है। इससे यहां ज्यादा हीटवेव रहती है।